Russia Nuclear Weapon: रूस हमले के चलते भारी तबाही का सामना कर रहा है। यूक्रेन पर रूस का हमला जेलेंस्की के अकड़ का परिणाम है। अगर जेलेंस्की चाहे होते तो ये जंग कभी होती ही नहीं, लेकिन उन्होंने न तो रोकने की कोशिश की और न ही बातचीत करने की। लाखों लोगों की जिंदगी बरबाद और यूक्रेन को तबाह करने वाला कोई और नहीं बल्कि जेलेंस्की खुद है। उन्होंने कभी चाहा ही नहीं कि ये युद्ध रुके क्योंकि, जेलेंस्की को अमेरिका और पूरे पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त है। इस जंग के दौरान जेलेंस्की और पश्चिमी देश जमकर झूठ बोलते रहे। इन सबके बीच अब परमाणु हमले को लेकर भी बातें होनी शुरू हो गई हैं। क्योंकि, रूस ने धमकी दी है कि वो समय आने पर न्यूक्लियर वेपन (Russia Nuclear Weapon) का इस्तेमाल करने से जरा भी नहीं हिचकिचाएगा। पुतिन ने परमाणु हथियारों की ओर इशारा करते हुए धमकी दी है कि अगर यूक्रेन के कब्जा किए हुए इलाके पर अगर किसी ने हमला किया तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा। यहां तक कि रूसी राष्ट्रपति के करीबी दमित्री मेदवेदेव ने भी परमाणु हमले की धमकी दी है। इसके साथ ही राष्ट्रपति पुतिन ने 3 लाख रिजर्स सैनिकों को तैनात करने का आदेश दे दिया है। वहीं, अगर रूस ने यूक्रेन पर न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल किया तो यह टैक्टिकल (Russia Nuclear Weapon) होगा और ठीक उसी तरह से विनाश होगा जैसे जापान के हिराशिमा और नागासाकी में हुआ था।
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दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु बम रूस के पास
रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु बम हैं और इसी वजह से दुनिया में यूक्रेन को लेकर डर का माहौल है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि, पुतिन का हथियार वाला बयान कोई झांसा नहीं है। इसलिए यह युद्ध जितना जल्दी रूक जाए उतना ही अच्छा है। दरअसल, अमेरिकी परमाणु वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के मतुाबकि रूस के पास इस समय 4,477 परमाणु हथियार हैं। इसमें 1,900 गैर रणनीतिक वारहेड हैं। बाकी बचे हथियार टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन हैं।
बेहद ही खतरनाक है रूस के टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन
रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्टिकल परमाणु वॉरहेड को इस तरह से बनाया गया है कि उनका सीमित युद्धक्षेत्र में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके जरिए किसी टैंक के जत्थे या अगर समुद्र में इस्तेमाल किया गया तो एक एयरक्राफ्ट कैरियर बैटल ग्रुप को तबाह किया जा सकता है। इस तरह के वॉरहेड में 10 से लेकर 100 किलोटन डायनामाइट की ताकत होती है। इसे कम क्षमता का परमाणु बम भी कहा जाता है। इससे उलट रूस के पास जो सबसे ताकतवर ‘स्ट्रेटजिक’ परमाणु बम है, उसमें 500 से लेकर 800 किलोटन तक विस्फोटक की क्षमता होती है। इस परमाणु बम की मदद से पूरे के पूरे शहर को राख के ढेर में बदला जा सकता है।
हिरोशिमा और नागासाकी की तरह तबाही मचा सकते हैं टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन
टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन को कम क्षमता बताना भ्रम जैसा है, क्योंकि इन बमों की विस्फोटक ताकत 10 से 100 किलोटन डायनामाइट तक होती है जिससे व्यापक तबाही मच सकती है। जिस तरह से अमेरिका के गिराए परमाणु बम हिरोशिमा और नागासाकी में तबाही मचाये थे उसी तरह ये भी बम मचा सकते हैं।
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रूस ने छोड़ दिया न्यूकिलयर वेपन तो तबाह हो जाएगा यूक्रेन
वैज्ञानिक एलेक्स वेल्लेरस्टीन की माने तो, स्ट्रेटजिक और टैक्टिकल परमाणु हथियारों में मुख्य अंतर उनकी विस्फोटक क्षमता नहीं बल्कि उनका लक्ष्य होता है। उन्होंने कहा कि जापान में गिराए गए परमाणु बम का मकसद ‘स्ट्रेटजिक’ था ताकि जापान के आत्मविश्वास को तोड़ा जा सके और उन्हें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया जा सके। ऐसे में अगर रूस ने यूक्रेन पर परमाणु हमला कर दिया तो यूक्रेन को तबाह होने में ज्यादा देर नहीं लगेगी। इसके साथ ही पूरी दुनिया इसका असर देखेगी। विश्व काफी पीछे चला जाएगा और ऐसा भी हो सकता है कि, दुनिया में परमाणु युद्ध न छिड़ जए। यही वजह है कि, दुनिया अब चाहती है कि यह युद्ध अब जल्द से जल्द खत्म हो।
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