Colonel General Mikhail Mizintsev: रूस को यूक्रेन पर हमला बोले 7 महीने से भी ज्यादा हो गया। इतने दिनों में रूस ने पूरे यूक्रेन को खंडर में तब्दील कर दिया है लेकिन, इसके बाद भी जेलेंस्की की अकड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। यूक्रेन पर रूस का हमला जेलेंस्की के अकड़ का परिणाम है। अगर जेलेंस्की चाहे होते तो ये जंग कभी होती ही नहीं, लेकिन उन्होंने न तो रोकने की कोशिश की और न ही बातचीत करने की। लाखों लोगों की जिंदगी बरबाद और यूक्रेन को तबाह करने वाला कोई और नहीं बल्कि जेलेंस्की खुद है। उन्होंने कभी चाहा ही नहीं कि ये युद्ध रुके क्योंकि, जेलेंस्की को अमेरिका और पूरे पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त है। इस जंग के दौरान जेलेंस्की और पश्चिमी देश जमकर झूठ बोलते रहे। रूस ने जब-जब युद्ध की रणनीति में बदलाव किया है तब-तब यूक्रेन में भारी तबाही मची है। अब पुतिन अपने सबसे खतरनाक ऑफिसर (Colonel General Mikhail Mizintsev) के हाथों में यूक्रेन युद्ध की कमान सौंपने जा रहे हैं। जेलेंस्की भी उन्हें बड़े अच्छे से जानते हैं अगर वो आ गए तो यूक्रेन में तबाही से कोई नहीं रोक सकता है। ये कोई और नहीं बल्कि, कर्नल जनरल मिखाइल मिजिनत्सेव (Colonel General Mikhail Mizintsev) हैं जिनके नाम से न सिर्फ जेलेंस्की बल्कि पश्चिमी देश भी खौफ खाते हैं।
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कर्नल जनरल मिखाइल मिजिनत्सेव के हाथों यूक्रेन युद्ध की कमान
जंग के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने उप-रक्षा मंत्री को हटा दिया है। रूस के रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस बारे में जानकारी दी है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि आर्मी जनरल दमित्री बुलगाकोव को उनकी ड्यूटी से हटा दिया गया है। पुतिन ने जनरल बुलगाकोव की जगह जिसे चुना है, उसे एक क्रूर जनरल के तौर पर देखा जाता है। यहां तक कि लोग उसे ‘मारियुपोल का कसाई’ तक कहते हैं। जनरल दमित्री बुलगाकोव की जगह अब 60 साल के कर्नल जनरल मिखाइल मिजिनत्सेव ने ली है।
जनरल मिखाइल को मारियुपोल का कसाई कहा जाता है
एक रिपोर्ट की माने तो पुतिन को दमित्री को हटाने का फैसला उ्हें दी गई सजा के तौर पर देखा जा रहा है। नए उप रक्षा प्रमुख मिखाइल पर यूके की तरफ से प्रतिबंध लगे हुए हैं। इस साल मई में जब रूस की सेना ने यूक्रेन के बंदरगाह मारियुपोल पर कब्जा किया तो उसके बाद ही जनरल मिखाइल को ‘मारियुपोल का कसाई’ कहा जाने लगा था। इसके अलावा उन पर आरोप है कि उन्होंने सीरिया के अलेप्पो में हुई बमबारी में रूस का नेतृत्व किया था।
जनरल मिखाइल से थर-थर कांपते हैं जेलेंस्की
कर्नल जनरल मिखाइल मिजिनत्सेव से जेलेंस्की थर-थर कांपते हैं, उन्होंने ही मारियुपोल पर कब्जा किया था। लेकिन, यूक्रेन उनपर नरसंहार का आरोप लगाया था। दरअसल, कहानी यह है कि, जेलेंस्की ने इस जंग में अपनी आम जनता के भी हाथों में बंदुक थमा दिया था। जब रूसी सैनिकों के इसना सामना हुआ तो ये बेगुनाह मारे गए। ऐसे में आरोप जेलेंस्की पर लगना चाहिए कि उन्होंने अपनी जनता को जानबूझ कर मौत के मूंह में झोंक दिया है। मारियुपोल में कब्जे के दौरान रूस की सेना पर आरोप है कि उसने यहां पर कई लोगों को बेदर्दी से मारा और कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।
यूक्रेनी कमांडों को रिहा कर रहा रूस
बता दें कि, पिछले दिनों राष्ट्रपति पुतिन ने ऐलान किया था कि करीब तीन लाख सैनिकों को यूक्रेन में तैनाती के लिए भेजा जाएगा। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह पहली बार है जब रूस की तरफ से इतने सैनिकों की तैनाती की जाएगी। वहीं, दो दिन पहले ही रूस ने उन 215 लोगों को रिहा कर दिया है जिन्हों मारियुपोल में बंदी बनाया गया था जिनमें कई टॉप यूक्रेनी मिलिट्री लीडर्स भी शामिल हैं। रूस ने अजोव में पकड़े यूक्रेनी कमांडर और डिप्टी कमांडर को भी छोड़ दिया है। रूस के इस कदम को चौंकाने वाला बताया जा रहा है। अजोव में पकड़े गए इन दोनों मिलिट्री लीडर्स को रूस नाजी के तौर पर बताता है और ऐसे में इनका रिहा होना हैरानी वाला फैसला बताया जा रहा है। ऐसे में रूस जरूर किसी न किसी प्लान के तहत इन सबको रिहा कर रहा है।
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यही वजह है कि, अब व्लोदोमीर जेलेंस्की की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आने वाले दिनों में अब यूक्रेन भारी तबाही का सामना कर सकता है। क्योंकि, कर्नल जनरल मिखाइल मिजिनत्सेव का जाना मतलब तबाही जरूर मचेगी। ऐसा भी हो सकता है कि वो जेलेंस्की को सबक सीखा कर ही वापस लौटे।