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नेपाल, भारत और बांग्लादेश के बीच जल्द ही पहला त्रिपक्षीय बिजली समझौता

अपने पहले त्रिपक्षीय बिजली समझौते पर हस्ताक्षर करने के कगार पर नेपाल, भारत और बांग्लादेश

पृथ्वी श्रेष्ठ

काठमांडू: नेपाल, भारत और बांग्लादेश के बीच एक त्रिपक्षीय बिजली समझौता जल्द होने की संभावना है, जिसमें भारत के माध्यम से 40 मेगावाट बिजली की आपूर्ति शामिल होगी।

हालांकि, नेपाल नवंबर 2021 से भारत को बिजली निर्यात कर रहा है, इस योजना के मूर्त रूप ले लेने के बाद बांग्लादेश इस हिमालयी देश से बिजली प्राप्त करने वाला पहला तीसरा देश होगा।

बांग्लादेश को बिजली बेचने वाले नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) के प्रबंध निदेशक ने काठमांडू में पिछले सप्ताह एक प्रेस वार्ता में कहा, “हम बिजली बिक्री समझौते के खाके पर बांग्लादेश के साथ बातचीत के अंतिम चरण में पहुंच गये हैं। हम जल्द ही टैरिफ़ निर्धारित करने के बाद बांग्लादेश को बिजली निर्यात करने के लिए आगे बढ़ेंगे।”

नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय के अनुसार, नेपाल से बांग्लादेश को बिजली का निर्यात शुरू होने से पहले नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए), बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) और भारत के एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने की योजना है। ।

एनवीवीएन पड़ोसी देशों के साथ सीमा पार बिजली व्यापार के लिए भारत सरकार द्वारा नामित नोडल एजेंसी है।

एनईए में बिजली व्यापार निदेशक प्रबल अधिकारी ने इंडिया नैरेटिव को बताया कि नेपाल और एनवीवीएन के बीच पारस्परिक रूप से सहमत समझौते का एक मसौदा पहले मसौदे पर बांग्लादेश की प्रतिक्रिया के  बाद दूसरी बार बांग्लादेश को उसकी राय के लिए भेजा गया है।

अधिकारी ने कहा “हमने जून की शुरुआत में बांग्लादेशी पक्ष की राय जानने के लिए समझौते का खाका दूसरी बार भेजा है। हम अब प्रतिक्रिया का इंतज़ार कर रहे हैं।”  उनके अनुसार, टेम्पलेट में बिजली टैरिफ़ को छोड़कर अन्य सभी विवरण शामिल हैं। “ऐसा इसलिए है, क्योंकि बांग्लादेश पहले बिजली शुल्क को छोड़कर अन्य तकनीकी और वाणिज्यिक शर्तों को समाप्त करना चाहता है। अन्य नियम व शर्तों पर सहमति बनने के बाद टैरिफ पर अलग से बातचीत की जायेगी।’

नेपाल को बांग्लादेश को बिजली निर्यात करने के लिए टैरिफ़ तय करने में ज़्यादा दिक़्कत नहीं दिख रही है। अधिकारी ने कहा, “यह नेपाल को भारत के पावर एक्सचेंज बाज़ार से मिलने वाली औसत क़ीमतों की सीमा में होगा।” भारतीय अधिकारियों ने अब तक नेपाल को दक्षिणी पड़ोसी के पावर एक्सचेंज बाज़ार में 452.6MW बिजली बेचने की अनुमति दी है। अधिकारी ने कहा, “हम टैरिफ़ पर कड़ी सौदेबाज़ी की उम्मीद नहीं कर रहे हैं, क्योंकि यह नेपाल का बांग्लादेश को बिजली का पहला निर्यात होगा।”

जब ट्रांसमिशन चार्ज की बात आती है, तो यह उस शुल्क के बराबर होगा, जो भारत के बिजली व्यापारी इस समय ख़रीदारों से ले रहे हैं। अधिकारी ने कहा, ”बिजली बिक्री समझौते के मसौदे में लिखा गया है कि ट्रांसमिशन टैरिफ़ भारत के ओपन एक्सेस नियमों के अनुरूप होगा।” “इसका मतलब है कि बांग्लादेश को अपने भार सहित ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे की तकनीकी स्थितियों के आधार पर प्रति यूनिट 40-55 पैसे (भारतीय मुद्रा में) का भुगतान करना पड़ सकता है।”

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश एनवीवीएन को यह शुल्क अदा करेगा। भारतीय कंपनी अपनी सभी सेवाओं के लिए बांग्लादेशी कंपनियों पर ‘व्यापार मार्जिन’ या ‘सेवा शुल्क’ लगायेगी, जिसमें भारत के नियामक अधिकारियों से अनुमोदन प्राप्त करने के प्रयास भी शामिल हैं। अधिकारी ने कहा, “यह प्रति यूनिट 4-7 पैसे (भारतीय मुद्रा) की सीमा में हो सकता है, जो एनवीवीएन द्वारा ली जाने वाली सामान्य दर है।” हालांकि उन्होंने कहा कि नेपाल को सेवा शुल्क के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि बांग्लादेश भारत को यह शुल्क देगा।

हालांकि, नेपाल और बांग्लादेश बहुत दूर नहीं हैं, लेकिन भौगोलिक दृष्टि से वे सटे हुए नहीं हैं। भारतीय क्षेत्र दोनों देशों के बीच में पड़ता है। नतीजतन, काठमांडू और ढाका के बीच बिजली के द्विपक्षीय व्यापार को सक्षम करने के लिए सक्रिय भारतीय समर्थन आवश्यक है।

नेपाल लंबी अवधि के सौदे के तहत बांग्लादेश को बिजली बेचना चाहता है। अधिकारी ने कहा, ”हमने 25 साल के लिए बिजली बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव रखा है। लेकिन, बांग्लादेशी पक्ष नवीनीकरण के विकल्प के साथ पांच साल के समझौते पर ज़ोर दे रहा है।”

ये घटनाक्रम नेपाल और बांग्लादेश तथा नेपाल और भारत के बीच नेपाल से बांग्लादेश को 40 मेगावाट बिजली के निर्यात पर सैद्धांतिक रूप से अलग-अलग सहमति बनने के बाद हुआ है।

मई के मध्य में बांग्लादेश के पटुआखली में आयोजित ऊर्जा सहयोग पर सचिव-स्तरीय संयुक्त संचालन समिति की पांचवीं बैठक के दौरान नेपाल और बांग्लादेश ने भारतीय अधिकारियों से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त होने के बाद नेपाल से बांग्लादेश तक 40MW के निर्यात लक्ष्य के साथ जल्द से जल्द बिजली व्यापार शुरू करने का निर्णय लिया।

नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय ने बैठक के बाद एक प्रेस बयान में कहा, “इसके लिए, दोनों देशों का लक्ष्य भारत सहित इन संस्थाओं के बीच जल्द से जल्द त्रिपक्षीय बिजली बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर करना है।”

नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की 31 मई से 3 जून तक की भारत यात्रा के दौरान दक्षिणी पड़ोसी नेपाल को मौजूदा भारतीय ट्रांसमिशन के माध्यम से बांग्लादेश को 40 मेगावाट तक बिजली बेचने की अनुमति देने पर सहमत हुआ है।