तहरीक-ए-तालीबान (TTP) पाकिस्तान अफगान तालिबान की ही एक ब्रांच है। अभी तक लोग कयास लगाते थे, लेकिन टीटीपी ने इसका ताल ठोंक कर ऐलान कर दिया है। साथ ही टीटीपी ने यह भी कह दिया है कि पाकिस्तान में फर्जी डेमोक्रेटिक सरकार है। पाकिस्तान में आर्मी ही सरकार चला रही है। पाकिस्तान बना ही इस्लाम की बुनियाद पर था। मुल्क वजूद में आने के बाद पाकिस्तान के सियासतदान असली मकसद को भूल गए। यानी इस्लामी हुकूमत को दरकिनार कर दिया गया। इसलिए टीटीपी ने यह अहद किया है कि वो पाकिस्तान में शरिया सरकार कायम करेंगे। इस्लामाबाद के तख्त पर शरीफ हो भुट्टो या नियाजी हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हम पाकिस्तान में शरिया कानून नाफिज करेंगे। हमारा (TTP) का फर्ज पाकिस्तान में इस्लामी सरकार कायम करना है।
तहरीक-ए-तालिबान यानी टीटीपी (TTP) के मुखिया नूर वली मेहसूद ने कहा है कि हम यानी टीटीपी इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान की एक उपशाखा है। हम पाकिस्तान में एक इस्लामिक सरकार को स्थापित करेंगे। हमारा जिहाद गैर इस्लामिक सिस्टम जिसे लोकतंत्र कहा जाता है, उसके खिलाफ शुरू हुआ है। पाकिस्तान में कोई भी असली लोकतंत्र नहीं है बल्कि वहां पर मुकम्मल तौर पर फौजी हुक्मरानी है।’ टीटीपी के मुखिया ने इस्लाम पसंद पाकिस्तानियों से कहा कि अगर आप इस्लामिक शासन चाहते हैं तो उसके लिए रिसोर्सेस बढ़ाने में मदद करें। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे बढ़कर इकजहती की जरूरत है। टीटीपी उस एकता का नाम है।
मलकंद और स्वात में TTP में सरकार, KPK के मुख्यमंत्री को देनी पड़ती है हफ्ता वसूली
टीटीपी सरगना ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने देश में खुद से ऐसा सिस्टम बनाया है जिससे उसका राज चलता रहे। उसने कहा कि हमारे मुजाहिद्दीनों ने पाकिस्तान में इस्लामिक शासन लाने के लिए जान दी है। हमें इस उद्देश्य के लिए वफादारी दिखाना होगा और एकता बनाए रखना होगा। नूर वली ने कहा, ‘अंग्रेजों ने इस उपमहाद्वीप को टुकड़ों में बांट दिया। मुस्लिमों की ताकत को दो मुल्कों हिंदुस्तान और पाकिस्तान में बांट दिया। अब यह मुसलमानों की जिम्मेदारी है कि वो मुल्क में इस्लामी हुकूमत कायम करें। पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर केवल नाममात्र का स्वतंत्र हुआ है। पाकिस्तान में अभी तक इस्लामिक सिस्टम को लागू नहीं किया गया है जिसका वादा उस समय किया गया था।’
टीटीपी ने कवायली इलाकों में अपनी पैठ बना ली है। इसके अलावा स्वात घाटी में लगभग पैरेलल सरकार चला रहे हैं। नाकाबंदी और टैक्स वसूली खुलेआम कर रहे हैं। जब चाहते हैं पाकिस्तानी आर्मी के जवानों को पकड़ कर ले जाते हैं। हरबार फिरौती के बाद फौजियों को छोड़ा जाता है या फिर कत्ल कर दिया जाता है। खबरें तो यह भी हैं कि खैबर पख्तूनख्वाह के मुख्यमंत्री तक टीटीपी के स्थानीय कमाण्डरों को हफ्ता वसूली देते हैं। जिस हफ्ते रकम नहीं पहुंचती उसी हफ्ते टीटीपी के लड़ाके कोई धमाका कर देते हैं।
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