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आंख खोलकर देख ले पाकिस्तान मुस्लिम देश UAE में Pm Modi का जोरदार स्वागत, शहबाज शरीफ की तो हो जाएगी सिट्टी-पिट्टी गुल

पीएम मोदी से गले मिलते यूएई के राष्ट्रपति

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई  में हुए शानदार स्वागत ने पाकिस्तान को अच्छा-खासा सन्देश दिया है। दरअसल,  मोदी जी7शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के कुछ देर बाद ही यूएई की राजधानी अबू धाबी पहुंचे थे।  इस दौरान यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए अबू धाबी एयरपोर्ट पर खुद पीएम मोदी का खास अंदाज में वेलकम किया। यही नहीं यूएई के राष्ट्रपति पीएम मोदी को छोड़ने के लिए एयरपोर्ट उनके साथ ही आए। जहां दोनों नेताओं ने एक दूसरे के गले लगकर अभिवादन किया। वैसे एक मुस्लिम देश में पीएम मोदी के भव्य स्वागत को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर पाक का क्या हाल हो रहा होगा।

शहबाज शरीफ को रिसीव करने पहुंचे थे?

दरअसल, पाकिस्तान के नए-नवेले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी पिछले दो महीने पहले संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर आये थे। तब उन्हें एयरपोर्ट पर लेने के लिए सिर्फ यूएई के एक मंत्री ही पहुंचे थे। ऐसे में नए-नए पीएम बने शहबाज को यूएई में भाव न दिए जाने की चर्चा पूरे पाकिस्तान में हुई थी। दरअसल, शहबाज शरीफ कर्ज की तलाश में यूएई पहुंचे थे। यूएई ने पाकिस्तान को तुरंत कोई कर्ज तो नहीं दिया, लेकिन पुराने कर्जों की याद जरूर दिला दी।

बता दें, जी7शिखर सम्मेलन से सीधा यूएई के लिए रवाना होने के पीछे पीएम मोदी कि खास वजह यूएई के पूर्व राष्ट्रपति और अबू धाबी शासक शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के निधन पर शोक जाताना था। इसी कारण वे एयरपोर्ट से सीधे यूएई के राष्ट्रपति के महल पहुंचे और शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके तुरंत बाद  मोदी अबू धाबी एयरपोर्ट से अपने विशेष विमान से भारत रवाना हो गए। एयरपोर्ट पर पीएम मोदी और यूएई के राष्ट्रपति की जबरदस्त केमेस्ट्री का वीडियो अब सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है।

इसलिए यूएई और पाकिस्तान में क्यों बढ़ रही दूरी

मालूम हो यूएई ने दो साल पहले अब्राहम समझौते के जरिए इजरायल के साथ संबंध बहाल किए थे। तब पाकिस्तान ने इसकी खुलकर आलोचना की थी। तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने यूएई को परोक्ष रूप से इस समझौते को लेकर खूब खरी-खोटी सुनाई थी। पाकिस्तान कहता रहा है कि वह फिलीस्तीन समस्या के हल नहीं होने तक इजरायल को मान्यता नहीं देगा। वहीं, 2017 में अफगानिस्तान के कंधार में हुए बम धमाके में संयुक्त अरब अमीरात के पांच कर्मचारियों की मौत हो गई थी। जांच के बाद पता चला था कि इस धमाके के पीछे हक्कानी नेटवर्क और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ था।