अंतर्राष्ट्रीय

Ukraine के ये किलर AI ड्रोन रूस में तबाही मचाने को तैयार हैं, जानिए कितना पावरफुल

यूक्रेन (Ukraine) भले ही इस समय दुनिया के सामने मासूम बना हुआ है। वो अपने आप को बेचारा और रूस को आतंकी दिखाने की कोशिश कर रहा है। इसमें पश्चिमी देशों का पूरा सपोर्ट मिल रहा है। पश्चिमी देश यूक्रेन को हथियारों और आर्थिक रूप से मदद कर रहे हैं, ताकि वो रूस के खिलाफ लड़ सके। करीब नौ महीने पहले फरवरी में शुरू हुए इस युद्ध में न जाने कितने लोगों को तबाही झेलनी पड़ी है। खैर, मिसाइलों और टैंकों से हुई जंग अब विनाशकारी ड्रोन से लड़ी जा रही है। ड्रोन न सिर्फ मिसाइलों की तुलना में सस्ते होते हैं बल्कि ये जमीन पर नुकसान पहुंचाने में बहुत ज्यादा कारगर साबित होते हैं।

रूस जहां ईरान के घातक ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है, वहीं यूक्रेन ने अब AI ड्रोन विकसित कर लिए हैं। एक मिलिट्री एक्सपर्ट ने यह दावा करते हुए कहा कि हालांकि अभी तक ऑटोनॉमस ड्रोन को युद्ध में तैनात नहीं किया गया है लेकिन ‘इसे रोका नहीं जा सकता।’ अगर यूक्रेन की तरफ से एआई से लैस ड्रोन इस्तेमाल किए जाते हैं तो यह पहले से मुश्किलों से जूझ रही रूसी सेना की परेशानी और बढ़ा सकते हैं।

हाल ही में यूक्रेन ने रूस के ब्लैक सी फ्लीट पर कई ड्रोन हमले किए थे। रूस का आरोप है कि इसमें नौ ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। युद्ध की शुरुआत में भी यूक्रेन ने तुर्की के टीबी-2 ड्रोन से रूसी टैंकों के काफिले को कीव की ओर बढ़ने से रोक दिया था। अब यूक्रेनी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल यारोस्लाव होन्चार ने यूक्रेन की न्यूज एजेंसी UNIAN के साथ एक इंटरव्यू के दौरान यूक्रेन के नए हथियार को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है।

जासूसी के लिए होता है इस्तेमाल

इंटरव्यू में होन्चार ने दावा किया कि यूक्रेन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस ड्रोन विकसित किए हैं। ये ड्रोन ह्यूमन कंट्रोल के बिना ही टारगेट को ट्रैक कर नष्ट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की तकनीक पहले से ही जासूसी के लिए इस्तेमाल की जा रही है, लड़ाकू मिशन बस इसका अगला कदम है जिसे टाला नहीं जा सकता। अगर ड्रोन को रिमोट से कंट्रोल किया जाता है तो कंट्रोल सिग्नल को संभावित रूप से जाम किया जा सकता है लेकिन एक ऑटोनॉमस ड्रोन को हराना बहुत मुश्किल होता है।

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क्या पहली बार किसी इंसान को मारेगी मशीन?

ऑटोनॉमस किलर ड्रोन कथित तौर पर लीबिया में युद्ध के मैदान पर पहले तैनात किए जा चुके हैं। लेकिन अगर यूक्रेन एआई ड्रोन क्षमता का इस्तेमाल आक्रामक रूप से करता है तो एक मशीन के हाथों किसी इंसान की मौत का पहला प्रमाणिक मामला देखने को मिल सकता है। ऑटोनॉमस हथियारों के खिलाफ कई बार एक अंतरराष्ट्रीय संधि के लिए आह्वान किया जा चुका है लेकिन संयुक्त राष्ट्र में इस संबंध में कोई प्रस्ताव पेश नहीं हो सका। अब यूक्रेन के इस तरह के हथियारों के इस्तेमाल से संधि की मांग को मिलने वाला अंतरराष्ट्रीय समर्थन कमजोर पड़ सकता है।

आईएन ब्यूरो

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