Ukraine Wants Indian Air Defence System: क्रीमिया पुल पर हमले के बाद रूस बौखला उठा है और इसी के बाद से यूक्रेन पर ऐसा हमला बोला है कि जेलेंस्की दर्द से कराह उठे हैं। जिस दिन क्रीमिया पुल पर हमला हुआ है उस दिन के बाद से जेलेंस्की चैन की नींद नहीं सो पाये हैं। क्योंकि, उसी दिन के बाद से रूस ने यूक्रेन को उसकी औकात दिखाते हुए राजधानी कीव पर जमकर मिसाइलें बरसानी शुरू की। इस वक्त आलम यह है कि, जेलेंस्की को समझ नहीं आ रहा कि वो क्या करें। क्योंकि, रूस की मिसाइलों को रोक पाने के लिए यूक्रेन के पास कोई सिस्टम ही नहीं है। ऐसे में राजधानी कीव में जमकर तबाही मची हुई है। 100 मिसाइलों के हमले के बाद कीव के पावर स्टेशंस बंद हैं और शहर अंधेरे में डूबा हुआ है। ऐसे में यूक्रेन भारत (Ukraine Wants Indian Air Defence System) के पास भागता हुआ आया है। खबर है कि, यूक्रेन की मिलिट्री रूस की ओर से हो रही मिसाइल की बारिश को रोकने के लिए भारत की तरफ से सहनिर्मित एयर डिफेंस सिस्टम (Ukraine Wants Indian Air Defence System) को शामिल करना चाहती है।
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इजरायल और भारत ने मिलकर बनाया है
यूक्रेनी सेना ने मान लिया हैकि, उसके पास मौजूद सोवियत दौर की बक और एस-300 एयर डिफेंस सिस्टम रूस के हमले झेलने में समर्थ नहीं है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन ने इजरायल से आयरन डोम और बराक-8 मिसाइल डिफेंस सिस्टम लेने का मन बनाया है। बराक-8 को इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज और भारत के DRDO की तरफ से डेवलप किया गया है। बराक-8 को इजरायल के साथ भारतीय नौसेना के लिए डेवलप किया गया है। पिछले वर्ष सितंबर में भारतीय वायुसेना ने इन्हें शामिल किया था। इस मिसाइल को नौसेना ने डेस्ट्रॉयर्स और फ्रिगेट्स पर तैनात भी कर दिया है। इजरायल, अपने ड्रोन और मिसाइल ट्रांसफर नहीं करना चाहता है। उसे इस बात का डर है कि अगर वह ऐसा करता है तो फिर उसे सीरिया में नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। इस देश में रूस की तरफ से ईरान के आतंकियों और सीरियल अरब आर्मी को मदद दी जा रही है।
रूस की तबाही से बौखलाए जेलेंस्की
रूसी नौसेना के जहाज काला सागर की तरफ से मिसाइलें फायर कर रहे हैं। टीयू-22M और टीयू-95 बॉम्बर्स की मदद से भी मिसाइलों को लॉन्च किया जा रहा है। अभी तक रूस ने अपनी 9K720 इस्कंदर मिसाइल का प्रयोग नहीं किया है। इस्कंदर मिसाइल को ट्रैक करना और ढेर करना बहुत ही मुश्किल है। रूस ने अब तक जितनी मिसाइलें यूक्रेन में छोड़ी है वही तबाही मचा चुकी हैं। जेलेंस्की को इस तबाही का अंदाजा नहीं था लेकिन, अब उन्हें पता चलने लगा है कि ये वो रूस नहीं है जिसे वो समझते थे। ये वो रूस है जो दुनिया अमेरिका संग पश्चिमी देशों के दांत अकेले खट्टा कर सकता है।
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जेलेंस्की को एयर शील्ड भी चाहिए
उधर जेलेंस्की ने जी7 सम्मेलन में यूरोपियन और नाटो देशों से रूस को रोकने के लिए एयर शील्ड देने की अपील की थी। यूक्रेन को हथियारों के लिए विदेशी गोला-बारूद और मिसाइलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। यूक्रेन ने इसके साथ ही भारतीय वायुसेना के लिए बनी जमीन से हवा तक मार कर सकने वाली मिसाइल सिस्टम (MR-sAM) की भी मांग की है।
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