Indian students Complete Studies in Russia: रूस ने 2022 की शुरुआत में ही यूक्रेन पर हमला बोल दिया था। इस युद्ध को अब 9 महीने से भी ज्यादा हो गया है और इतने दिनों में पूरा यूक्रेन भारी तबाही का सामना कर रहा है। यूक्रेन में हर ओर तबाही मची साथ ही लाखों छात्रों का भी करियर बर्बाद हुआ। जिसमें कई भारतीय छात्र भी शामिल हैं। कई भारतीय छात्र थे जो यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गये थे। लेकिन, जंग के चलते उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही रोक कर भारत वापस लौटना पड़ा। नियमों के चलते न तो भारत में एडमिशन मिल रहा है, न ही ये यूक्रेन वापस लौट पा रहे। ऐसे में उनके लिए रूस की ओर से राहत भरी खबर आई है। ऐसे भारतीय छात्रों को रूस ने अपने यहां पर पढ़ाई करने का मौका दिया है। यह भारत और रूस के बीच घनिष्ट दोस्ती दर्षाता है।
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मॉस्को ने कहा- यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्र रूस में करेंगे पढ़ाई पूरी
दरअसल, चेन्नई में रूस के महावाणिज्य दूतावास ओलेग अवदीव ने कहा कि यूक्रेन से निकले भारतीय छात्र रूस में अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। उन्होंने उन छात्रों को अपने यहां शिक्षा पूरी करने के लिए आमंत्रित किया है। ओलेग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि युद्ध के कारण यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीय छात्र रूस में अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन और रूस में चिकित्सा पाठ्यक्रम लगभग समान है। वे लोगों की भाषा भी जानते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में अधिकांश लोग रूसी बोलते हैं। रूस द्वारा लिया गया यह फैसला भारतीय छात्रों के लिए राहत भरा है। उनके भविष्य पर रूस के फैसले का पूरा देश स्वागत करता है।
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भारत में भी नहीं मिल पाया था एडमिशन
बता दें कि, भारत से ज्यादातर स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई (Medical Education) के लिए यूक्रेन जाते हैं। कारण यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई भारत की तुलना में सस्ती और एंट्रेंस आसान है। जबकि देश में मेडिकल में एडमिशन के लिए अच्छे स्कोर के साथ NEET Exam पास करना जरूरी है। इस परीक्षा का स्तर भी काफी कठिन होता है। नेशनल मेडिकल कमीशन यानी NMC के नियमों के अनुसार जो लोग विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करते हैं, उन्हें भारत में प्रैक्टिस और डॉक्टरी का लाइसेंस लेने के लिए FMGE एग्जाम देना पड़ता है। आधी पढ़ाई किसी और देश में करने के बाद भारत के मेडिकल कॉलेज (Medical Colleges) में बीच सेशन में एडमिशन का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में अब रूस की ओर से जो फैसला लिया गया है वो उन छात्रों के भविष्य के लिये बेहद ही अहम है।
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