यूक्रेन पर रूस लगातार हमले कर रहा है और इस वक्त काफी तेजी से रूसी सेना यूक्रेन के कई शहरों पर कब्जा जमा रही है। अब ऐसा लगता है कि, रूस पूरी तरह से यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए कम कस लिया है। क्योंकि, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने न्यूक्लियर वॉर इवैक्युएशन ड्रिल का आदेश दे दिया है। हालांकि, यह खब ब्रिटेन की कई मीडिया में बताई है। पश्चिमी देश इस वक्त एक तरफा न्यूज दिखा रहे हैं इसलिए इसपर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही यह भी खबर है कि, पुतिन ने अपने परिवरा को साइबेरिया भेज दिया है।
वहीं, अमेरिका आज जो रूस पर प्रतिबंध लगा रहा है और दुनिया को डरा रहा है कि वह पुतिन की मदद न करें तो। इसके पीछे असली वजह अमेरिका और नाटो ही रहा है। जब मिंस्क समझौते के मुताबकि यह तय हो गया था कि यूक्रेन नाटो में कभी भी शामिल नहीं होगा। तो भी अचानक से यूक्रेन के ऊपर नाटो में शामिल होने का भूत कहां से सवार हो गया। यूक्रेन ने तो डोनबास में इतना आतंक मचाया हुआ था कि यहां 15 हजार लोगों को मौत के घाट उतारा गया। अमेरिका और नाटो का प्लान था कि वह यूक्रेन को अपने हाथों में लेकर रूस पर दबाव बनाए और रूस को कंट्रोल कर सकें। ऐसे में यूक्रेन पर जंग की वजह पश्चिमी देश ही रहे हैं। ये पश्चिमी देश अपने हकिकत को छुपाने के लिए जमकर मनमानी कर रहे हैं और रूस के खिलाफ एक से बढ़कर एक प्रतिबंध लगा रहे हैं।
एक तरफ, जहां रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने को लेकर बातचीत जारी है, वहीं दूसरी तरफ इस वॉर में न्यूक्लियर बम के इस्तेमाल होने का खतरा बढ़ने की आशंका है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि पुतिन परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं। न्यूक्लियर वॉर इवैक्युएशन ड्रिल की रिपोर्ट ने क्रेमलिन के अधिकारियों को झकझोर दिया है। दरअसल, एक दिन पहले ही रूसी सैनिकों ने पश्चिमी यूक्रेन पर हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया है। इस हमले में यूक्रेन का हथियारों से भरा अंडरग्राउंड स्टेशन तबाह हो गया है।
दावों के अनुसार, क्रेमलिन की सीनियर राजनीतिक हस्तियों को खुद पुतिन ने चेतावनी दी है कि वे न्यूक्लियर वॉर इवैक्युएशन ड्रिल में भाग लेंगे। पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव पर अब रूस की सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारियों हैं। मेदवेदेव और संसद के दो सदनों के वक्ताओं (व्याचेस्लाव वोलोडिन और वेलेंटीना मतविएन्को) को परमाणु युद्ध के बारे में जानकारी दी गई है। वहीं, पुतिन के परिवार के सदस्यों के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है। लेकिन, रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि, रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होते ही पुतिन ने तत्काल अपने परिवार के अज्ञात सदस्यों को साइबेरिया भेज दिया। यहां अल्ताई पर्वत को हाई-टेक भूमिगत बंकर में बदल दिया गया है, जो पूरी तर भूमिगत शहर है। ऐसा कहा जा रहा है कि पुतिन के परिवार के लोग इसी बंकर में रह रहे हैं।