संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बहुभाषावाद पर एक उल्लेखनीय पहल की है। भारत के लिए यह गौरव की बात है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के कामकाज में अब हिंदी भाषा को भी जगह दे दी गई है। UNGA ने 10जून को इस दिशा में एक उल्लेखनीय पहल करते हुए बहुभाषावाद पर भारत की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव को पारित कर दिया। इसका मतलब अब UNGA के कामकाज में हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं को भी तवज्जो मिलेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें- अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश संयुक्त राष्ट्र की 6 आफिसियल लैंग्वेज हैं, जबकि अंग्रेजी और फ्रेंच UN सेक्रेट्रिएट की कामकाजी भाषाएं हैं।
यूनाइटेड नेशन में भारत के परमानेंट रिप्रेजेंटेटिव टीएस तिरुमूर्ति ने इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि बहुभाषावाद को UN की कोर वैल्यु के रूप में मान्यता दी गई है। तिरुमूर्ति ने बहुभाषावाद व हिंदी को प्राथमिकता देने के लिए यूएन महासचिव के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि भारत 2018से यूएन के ग्लोबल कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के साथ पार्टनरशिप कर रहा है। यूएन की न्यूज और मल्टीमीडिया कंटेंट्स को हिंदी में प्रसारित करने व मुख्यधारा में लाने के लिए अलग से फंड दे रहा है।
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हिंदी के अलावा और किसे मिली जगह?
UNGA में शुक्रवार को पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि हिंदी भाषा सहित ऑफिसियल और नन ऑफिसियल लैंग्वेजेज संयुक्त राष्ट्र के इम्पोर्टेंट कम्युनिकेशन और मैसेजेज के प्रसार को प्रोत्साहित करती हैं। इस साल पहली बार प्रस्ताव में हिंदी भाषा का उल्लेख है। इस प्रस्ताव में पहली बार बांग्ला और उर्दू का भी जिक्र है। बता दें कि हिंदी को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत 'हिंदी @ यूएन' प्रोजेक्ट 2018में शुरू किया गया था। इसका मकसद हिंदी भाषा के जरिये संयुक्त राष्ट्र की अप्रोच को और व्यापक बनाने के साथ दुनिया भर में लाखों हिंदी भाषी आबादी के बीच इंटरनेशनल मुद्दों के बारे में अधिक जागरुकता फैलाना रहा है।
क्या है संयुक्त राष्ट्र महासभा UNGA
संयुक्त राष्ट्र महासभा जिसे संक्षिप्त में UNGA भी कहते हैं, संयुक्त राष्ट्र के मुख्य 6अंगों में से एक है। यह एक इंटरनेशनल पॉलिटिकल फोरम है। यहीं से अंतरराष्ट्रीय सियासत के एजेंडे तय होते हैं। UNGA को दुनिया की लघु संसद भी कहा जाता है। इसकी पहली सभा 10जनवरी 1946को लंदन के मेथोडिस्ट सेंट्रल हॉल में आयोजित हुई थी। उस समय इसके सिर्फ 51देश मेंबर थे। आज यह संख्या 193हो चुकी है।