जब बात मानवीय संकट की आती है तो भारत यह नहीं देखता कि इससे जूझ रहा देश उसका दुश्मन है या दोस्त। मदद के नाम पर भारत कभी पीछे नहीं हटता। श्रीलंका में इस वक्त भयानक मंदी का दौर चल रहा है। देश की अर्थव्यवस्था इतिहास में पहली बार इतनी नीचे गिरी है। देश का विदेश मुद्रा भंडार खत्म हो चुका है। लोग सड़कों पर हैं और पेट्रोल डीजल तक की कमी हो गई है। ऐसे में भारत लगातार श्रीलंका की मदद करने के लिए गेहूं, पेट्रोल-डीजल से लेकर दवा तक भेज रहा है। इसके साथ ही आर्थिक रूप से भी मदद कर रहा है। जिसके लिए श्रीलंका की नई सरकार लगातार पीएम मोदी का आभार व्यक्त कर रही है। वहीं, तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो वो कभी नहीं सोचा था कि देश आज इतने बड़े मानवीय संकट का मुंह देखेगा। यहां भी भारत बिना सोचे समझे मदद कर रहा है।
यह तो सबको पता है कि, तालिबान की वापस में पाकिस्तान का सबसे बड़ा हाथ रहा है और चीन ने भी इसमें खूब मदद की है। और ये दोनों ही भारत के खिलाफ हैं। ऐसे में जब अफगानिस्तान में मानवीय संकट गहराया तो ये दोनों सबसे पहले भाग खड़े हुआ। ऐसे में अफगानिस्तान के लोगों की मदद के लिए भारत आगे आया और अबतक गेंहू, कोरोना वैक्सीन के साथ ही कई सारी और चीजों को भेज कर मदद कर रहा है। अब अमेरिका ने भी भारत के इस कदम की प्रशंसा की है।
भारत मानवीय संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान के लोगों को लगातार महत्वपूर्ण सहायता मुहैया करा रहा है। इसपर अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष दूत थॉमस वेस्ट ने इसके लिए भारत की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि, अफगानी लोगों की सुरक्षा व उनकी जबर्दस्त क्षमता की रक्षा करना भारत के हित में है। हम साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में भारत और अन्य लोगों के साथ साझेदारी करना जारी रखेंगे। थॉमस वेस्ट ने कल दिल्ली में उन्हें और उनकी टीम की मेजबानी के लिए विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव जेपी सिंह के प्रति आभार जताया। उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ अफगान नीति को लेकर विस्तार से विचार विमर्श किया।