यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग को लेकर अमेरिका ने दुनिया के देशों से कहा है कि वो सारे उसका साथ दे। वरना जो भी रूस के पाले में गया वो उसे बर्बाद कर देगा। लेकिन, कई देश हैं जो रूस के समर्थन में हैं तो कई ऐसे भी हैं जो किसी के खिलाफ या समर्थन में नहीं है। यूनाइटेड नेशन में जब रूस के खिलाफ वोटिंग हुई तो भारत ने खुद को अलग कर लिया। जिसके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन काफी खुश हुए थे। लेकिन, इधर अमेरिका और पश्चिमी देशों में आग लग गई। जिसके बाद भारत को कई मौके पर अमेरिका ने धमकी दी कि पुतिन से रिश्ता रखना भारत के लिए भारी पड़ेगा। अमेरिका धमकी भी दे रहा है और साथ ही भारत संग रिश्ता भी मजबूत करना चाहता है।
दरअसल, चीन को घेरने के लिए अमेरिका को भारत की जरूरत पड़ेगी। इसके साथ ही भारत की भूमिका विश्व में काफी ज्यादा बढ़ गई है। हर एक चीज में भारत का रुख मायने रखता है। अमेरिका को आच्छे से पता है कि आने वाले दिनों में चीन उसके लिए खतरा बनने वाला है ऐसे में भारत संग बना कर रखना है। ऐसे में अब अमेरिका का कहना है कि, वो भारत संग रिश्ते मजबूत करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने भारत-अमेरिका में बढ़ते सामरिक झुकाव का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने जरूरत पूरी करने के लिए रूस के साथ साझेदारी की। उन्होंने कहा, अमेरिका उस समय भारत की जरूरतें पूरी करने के लिए साझेदारी की स्थिति में नहीं था।
उन्होंने कहा, अब, हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। मुझे लगता है कि दोनों देशों के बीच सामरिक अभिसरण बढ़ रहा है। सीनेट एप्रोप्रिएशन सबकमेटी ऑन स्टेट फॉरेन ऑपरेशन की कांग्रेस में सुनवाई के दौरान सांसद विलियम हैगर्टी के एक सवाल के जवाब में ब्लिंकेन ने कहा, यकीनन चीन इसका बड़ा हिस्सा है। हैगर्टी ने भारत-अमेरिकी रिश्तों पर ब्लिंकेन को विचार रखने के लिए कहा था। ब्लिंकेन ने हैगर्टी की बात से सहमति जताते हुए कहा, अब हम उस प्रयास के लिए कोशिशें कर रहे हैं। मुझे लगता है कि भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक संबंध मजबूत हो रहे हैं।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, मुझे लगता है कि, भारत और अमेरिकी साझेदारी, अमेरिका की सबसे अहम और मूलभूत साझेदारियों में से एक है। राष्ट्रपति बाइडन ने पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय नेतृत्व से सीधे जुड़ने के लिए काफी कोशिशें की हैं। राष्ट्रपति ने क्वाड को बढ़ावा दिया जो भारत को हमारे साथ ऑस्ट्रेलिया व जापान से जोड़ता है। भारत के साथ विभिन्न मोर्चों पर हमारे सहयोग को मजबूत करने के लिए क्वाड एक बहुत ही महत्वपूर्ण जरिया रहा है।