यूक्रेन पर रूस के हमला करने के पीछ एक दो कारण नहीं बल्कि कई सारे हैं। पश्चिमी देश इस वक्त जेलेंस्की को मासूम दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, यही यूक्रेन पिछले काफी समय से डोनबास में मासूमों और निहत्थों की जब जान ले रहा था तब यह किसी को नजर नहीं आया। डोनबास में कम से कम 15हजार लोगों को यूक्रेन ने मौत के घाट उतार दिया। रूस लगातार समझाता रहा लेकिन, जेलेस्की कत्लेआम मचाते रहे। अब जब रूस ने चढ़ाई कर दी तो दुनिया के सामने चिल्लाना शुरू कर दिया। जेलेस्की पश्चिमी देशों की ताकत के चलते रूस से जंग लड़ रहे थे। इस जंग में यूक्रेन को हर ओर से पश्चिमी देश मदद कर रहे हैं। इसके बाद भी वो रूस को कुछ नहीं बिगाड़ पा रहे। बल्कि, उलटा ही पश्चिमी देशों में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है। यूक्रेन को पश्चिमी देशों की ओर से पूरी तरह मदद मिल रही है जिसके चलते इतने दिनों तक ये जंग चल सकी। रूस ने पहले ही कहा था कि, पश्चिमी देशों को यूक्रेन की मदद तुरंत बंद कर देनी चाहिए। साथ ही रूस ने ये भी कहा था कि, यूक्रेन की मदद करने वले देशों को आने वाले दिनों में बुरा अंजाम देखना होगा। अब एक बार फिर से अमेरिका ने यूक्रेन को मदद करने की घोषणा की है।
पश्चिमी देश यूक्रेन को गोला, बारूद, हथियार, तोप, टैंक, मिशाइल, ड्रोन के साथ ही आर्थिक रूस से भी मदद कर रहे हैं। अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने यूक्रेन को और एक अरब डॉलर की सैन्य सहायता देने की घोषणा की है। यह अमेरिकी रक्षा मंत्रालय से यूक्रेन के सशस्त्र बलों को प्रत्यक्ष रूप से दी जाने वाली रॉकेट, गोलाबारूद और अन्य हथियारों की सबसे बड़ी आपूर्ति होगी।
अमेरिका द्वारा घोषित नई मदद में हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट प्रणाली या एचआईएमएआरएस के लिए अतिरिक्त रॉकेट, हजारों तोप के गोले, मोर्टार प्रणाली आदि हथियार शामिल हैं। सैन्य कामंडरों और अन्य अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि एचआईएमएआरएस और तोप प्रणाली यूक्रेन में जारी लड़ाई में रूस को और अधिक जमीन कब्जा करने से रोकने के लिए अहम है। अब यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी मदद बढ़कर नौ अरब डॉलर से अधिक हो गई है।