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China को पटखनी देंगे भारत और अमेरिका! जी-20 में होगी महाडील, ड्रैगन की टेंशन बढ़ी

US-India: खाड़ी देशों सऊदी अरब और संयुक्‍त अरब अमीरात में चीन के BRI को मात देने के लिए भारत और अमेरिका एक बड़ी डील करने के लिए तैयार है। इस दौरान अमेरिका, भारत, यूएई और सऊदी अरब G-20 शिखर सम्‍मेलन के दौरान रेलवे को लेकर जाइंट इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर एक बड़ी डील का ऐलान कर सकते हैं। वहीं इस डील के तहत खाड़ी और अरब देशों के बीच संपर्क को बढ़ाने के लिए रेलवे के जरिए नेटवर्क स्‍थापित किया जाएगा। यही नहीं इस नेटवर्क को खाड़ी के विभिन्‍न बंदरगाहों के जरिए भारत तक शिपिंग लेन के जरिए जोड़ा जाएगा। इस पूरे नेटवर्क से भारत और अरब देशों के बीच व्‍यापार कई गुना बढ़ने की उम्‍मीद है।

अमेरिकी न्‍यूज वेबसाइट Axios ने सूत्रों के हवाले से इस मेगाप्‍लान की जानकारी दी है। दरअसल, अरब देशों में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका इस विशाल रेलवे प्रॉजेक्‍ट को बढ़ावा देना चाहता है। खाड़ी देश चीन के बेल्‍ट एंड रोड परियोजना में बहुत अहम स्‍थान रखते हैं। जी 20 शिखर सम्‍मेलन में संयुक्‍त रेलवे प्रॉजेक्‍ट बाइडन के लिए एक प्रमुख उपलब्धि हो सकती है। दरअसल, अमेरिका चाहता है कि सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंध सामान्‍य हो जाएं। बाइडन साल 2024 में होने वाले राष्‍ट्रपति चुनाव से इस डील को पूरा कराना चाहते हैं। इस बीच अमेरिकी राष्‍ट्रपति कार्यालय ने रेलवे प्रॉजेक्‍ट पर कोई भी टिप्‍पणी करने से इंकार कर दिया है। वाइट हाउस ने केवल इतना कहा है कि बाइडन वैश्विक आधारभूत ढांचा और निवेश कार्यक्रम में हिस्‍सा लेंगे।

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वैसे बताया यह भी जा रहा है कि अगर इन चारों देशों के वार्ताकार अगले दो दिनों में सहमत हो जाते हैं तो चारों देशों के नेता एक समझौते पर हस्‍ताक्षर कर सकते हैं। इस रेलवे परियोजना के तहत अरब देशों को रेलवे के जरिए जोड़ा जाएगा। इसके बाद समुद्री बंदरगाहों के जरिए भारत भी इस नेटवर्क से पूरी तरह से जुड़ जाएगा। माना जा रहा है कि इस डील को लेकर जी 20 में बाइडन और सऊदी प्रिंस के बीच संक्षिप्‍त मुलाकात भी हो सकती है। इस रेलवे प्रॉजेक्‍ट का सबसे पहले सुझाव इजरायल ने दिया था और भारत को इससे बहुत फायदा होने जा रहा है। अरबों डॉलर के इस प्‍लान के तहत भारत अपनी रेलवे से जुड़ी विशेषज्ञता का इस्‍तेमाल अरब देशों में रेलवे लाइन बनाने में कर सकता है। इससे भारत की कंपनियों को जहां जमकर कमाई होगी, वहीं चीन के खाड़ी देशों में बढ़ते प्रभाव पर रोक लगेगी।