चीन और ताइवान के बीच फिलहाल सबकुछ ठीक नहीं है। ऐसे में अब चीन से सामना करने के लिए ताइवान (Taiwan) को अमेरिका से एक बेहद खतरनाक हथियार मिलने वाला है। दरअसल, अमेरिका ताइवान को Volcano Mine System देने वाला है। इसकी खासियत यह है कि ये कुछ ही मिनट में एक बड़े एरिया में लैंड माइंस यानी बारूदी सुरंगों को बिछा सकता है। ताइवान को इससे एंटी पर्सनल यानी सैनिकों के लिए और एंटी टैंक माइंस यानी टैंकों के लिए बारूदी सुरंगें बिछाने में महारथ हासिल होगी।
मालूम हो ‘वोलकेनो माइंस सिस्टम’ को इस वजह से भी खतरनाक माना जा रहा है, क्योंकि चीन की तरफ से ताइवान (Taiwan) पर कभी भी हमला किया जा सकता है। हमले के दौरान यदि चीनी सैनिक ताइवान की जमीन पर कदम रखते हैं, तो उन्हें बारूदी सुरंगों के जरिए निशाना बनाया जा सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि चीनी टैंकों के लिए भी ‘वोलकेनो माइंस सिस्टम’ काल बनेगा। चीन चाहकर भी समुद्र के रास्ते या हेलिकॉप्टर से लैंडिंग नहीं कर पाएगा, क्योंकि उसके स्वागत के लिए बारूदी सुरंगें बिछी होंगी।
हथियार कब तक मिलेंगे?
अमेरिका से ‘वोलकेनो माइंस सिस्टम’ मिल जाने के बाद ताइवान बारूदी सुरंगों वाला द्वीप बन सकता है। इसके लिए ताइवान और अमेरिका के बीच 1100 करोड़ रुपये से ज्यादा की डील हुई है। ताइवान के रक्षा मंत्री ने हथियार के लिए हुए सौदे का ऐलान किया। इस हथियार का पूरा नाम ‘वोल्केनो व्हीकल-लॉन्च्ड स्क्रट्रेरबल माइंस सिस्टम’ है। सौदे के तहत माइंस सिस्टम की डिलवरी 2029 के आखिर तक हो जाएगी।
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इस सिस्टम की क्या है खासियत?
ताइवान की सेना ने बताया कि ‘वोलकेनो माइंस सिस्टम’ को तटीय इलाकों में तैनात किया जाएगा। इसकी तैनाती ताइवान के उत्तर, मध्य और दक्षिणी इलाकों में की जाएगी। सेना का कहना है कि ये माइंस सिस्टम पारंपरिक बारूदी सुरंगों के उलट है। अगर चीन की सेना जमीन से हमला करती है, तो उसे रोकने के लिए सिस्टम को बड़े क्षेत्र में तेजी से तैनात किया जा सकता है। हर एक वोलकेनो माइंस डिस्पेंसर में 960 बारूदी सुरंगें शामिल हैं।