फिलहाल सऊदी अरब (Saudi Arabia)और अमेरिका के बीच दूरियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। खास बात दोनों ही देश इस दुनिया में बेहद अहम स्थान रखते हैं और ऐसे में इनके बीच काफी तनाव भी है। अब ये सब कुछ पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द भी बनता जा रहा है। जी हां, अमेरिकी अधिकारियों ने तेल कटौती पर सऊदी अरब को नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है। सऊदी अरब की तरफ से इस महीने के शुरू में ही तेल के उत्पादन में कटौती करने का ऐलान किया गया था। ये ऐलान उस वक्त हुआ जब अमेरिका में मध्यावधि चुनाव होने हैं। फैसले की वजह से पेट्रोल की कीमतों में इजाफा हो गया है।
सोच से परे है फैसला
अमेरिकी सांसदों ने इस बात का अंदेशा जताया है कि जो फैसला लिया गया है, उसके बारे में कभी सोचा नहीं गया था। अमेरिका ने इसके बाद सऊदी अरब को होने वाली हथियारों की बिक्री प्रतिबंधित करने की धमकी दी। साथ ही साथ ही न्याय विभाग ने कहा कि वह सऊदी अरब और ओपके के दूसरे सदस्य देशों के बीच सांठ-गांठ के खिलाफ एक केस दायर करेगा। फैसले के बाद से ही सऊदी अरब (Saudi Arabia) और इसके क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) लगातार अमेरिकी राजनेताओं के निशाने पर हैं। दोनों ही देश इस पूरी स्थिति पर एक दूसरे को देख लेने की बात कर रहे हैं। सऊदी अरब के इस फैसले का वित्त बाजार और अर्थव्यवस्था पर बुरे नतीजे की आशंका जताई गई है।
तनाव चरम पर
दोनों ही देशों की तरफ से तनाव को छिपाने की कोशिश नहीं की जा रही है। सऊदी सरकार के एक टॉप अधिकारी की तरफ से कहा गया है कि उनके देश ने ज्यादा समझदारी से बर्ताव किया है। जबकि व्हाइट हाउस के अधिकारी ने इसका जवाब यह कहकर दिया है, ‘यहां पर कोई हाईस्कूल रोमांस नहीं चल रहा है।’ अगर यह स्थिति आगे जारी रही तो फिर दोनों देशों के रिश्ते खत्म हो सकते हैं।
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दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी इसके खतरनाक नतीजे देखने को मिलेंगे। यूरेशिया ग्रुप के डायरेक्टर क्लेटॉन एलन ने कहा है कि यह कई वर्षों में पहला मौका है जब रिश्ते इस कदर तनावपूर्ण हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साल 2020 में कहा था कि सऊदी अरब का अगर मानवाधिकार रिकॉर्ड देखा जाए तो इसे ‘पायरिया’ कहना ही सही होगा।
बाजार हो जाएगा खत्म
अगर, सऊदी अरब ने अमेरिकी कर्ज से किनारा किया तो फिर अमेरिका में बाजार अस्थिर हो सकता है और साथ ही परिवारिक बिजनेस तक चौपट हो सकते हैं। सऊदी अरब पर अमेरिका का 119 अरब डॉलर का कर्ज है और यह दुनिया का 16वां देश है जिस पर इतनी ज्यादा देनदारी है। ऐसे में अमेरिका और सऊदी अरब के बीच रिश्ते इस मौके पर खत्म होना दुनिया के लिए तबाही की वजह बन सकते हैं।
आ जाएगी दुनिया में तबाही
अब इस बात की आशंका जताई जा रही है कि इस फैसले से दुनिया की अर्थव्यवस्था अस्थिर हो सकती है। हो सकता है कि सऊदी अरब अमेरिका की तरफ से लगाए गए जुर्माने पर कोई बड़ा कदम उठा ले। वॉल स्ट्रीट जनरल की तरफ से बताया गया है कि सऊदी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि वह अमेरिका के ट्रेजरी बॉन्ड को बेच सकता है।
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