Warships In Chinese Navy by 2025: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हथियारों की भूख अब ठीक उसी तरह बढ़ती जा रही है जिस तरह उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को है। ऐसा लग रह है कि, चीन- उत्तर कोरिया की राह पर चल पड़ा है। क्योंकि, दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बनाने के बाद भी चीन की भूख शांत होने के बजाय और भी ज्यादा बढ़ गई है। चीनी राष्ट्रपति का लक्ष्य है कि, 2025 तक नौसेना में कुल 400 युद्धपोत (Warships In Chinese Navy by 2025) शामिल करें। फिलहाल चीनी नौसेना में 350 युद्धपोत शामिल हैं। चीनी सैन्य शक्ति पर पेंटागन की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबकि, चीन अधिका आधुनिक युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है। चीनी नौसेना तट से दूर समुद्र में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए विमानवाहक पोत और लॉजिस्टिक फोर्स के विस्तार पर काम कर रही है। वर्तमान में चीनी नौसेना (Warships In Chinese Navy by 2025) में दो विमानवाहक पोत तैनात हैं और तीसरे का समुद्री परीक्षण चल रहा है। चीन का मकसद समुद्र के सतह पर अपनी सैन्य ताकत का विस्तार करना है।
यह भी पढ़ें- भारत में US Army को देख सहमा चीन, LAC के करीब युद्धाभ्यास देख दुहाई देने लगा ड्रैगन
नौसेना को अत्याधुनिक और घातक बना रहे जीनपिंग
पेंटागन की ओर से एक सैन्य रिपोर्ट जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि, 2025 तक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के 340 के अपने बेड़े से बढ़कर 400 जहात तक बढ़ने की उम्मीद है। चीन की इस वक्त पूरी कोशिश अपनी नौसैनिक ताकत को लचीला और अत्याधुनिक बनाने की है। पुराने पड़ रहे प्लेटफॉर्म्स को बदल रहा है। अब तक चीनीन नौसेना के पास कम क्षमता वाले युद्धपोत थे। अब उन्हें एक साथ मल्टी मिशन को अंजाम देने के लायक बनाया जा रहा है। ये युद्धपोत एख साथ कई तरह की भूमिकाएं निभा सकते हैं। इसके साथ ही, इनमें से ज्यादातर युद्धपोत स्टील्थ तकनीक से लैस हैं।
चीनी नौसेना ने ताकत में किया बड़ा इजाफा
इसके अवाला रिपोर्ट में बताया गया है कि, चीनी नौसेना ने 2021 तक बड़े पैमाने पर उन्नत एंटी-शिप, एंटी-एयर और एंटी-सबमरीन हथियारों और सेंसर की विशेषता वाले आधुनिक मल्टी-रोल प्लेटफॉर्म का निर्माण किया है। इनमें कई ऐसे युद्धपोत शामिल हैं, जो शक्ति और आधुनिकता के मामले में अद्वितीय हैं। चीनी नौसेना ने पिछले साल चाइना कोस्ट गार्ड को 20 से अधिक पुराने युद्धपोत ट्रांसफर किए थे। इसके बाद चीनी नौसेना में जहाजों की कुल संख्या 255 से कम हो गई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021 के अंत में चीनी नौसेना एक विमानवाहक पोत, एक गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर और गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स का एक नया बैच बना रही है।
यह भी पढ़ें- Djibouti Base पर कुछ बड़ा कर रहा चीन, भारत संग पूरी दुनिया के लिए बना खतरा!
बेहद तगड़े हैं रडार
समुद्र की सतह पर चीनी सैन्य शक्ति के विस्तार का बड़ा हिस्सा दो कार्यक्रमों में समाहित है। इनमें 7,500-टन लुयांग III गाइडेड मिसाइल टाइप-52डी डिस्ट्रॉयर और 13,000-टन टाइप-55 रेन्हाई क्लास गाइडेड मिसाइल क्रूजर भी शामिल हैं। लुयांग III डिस्ट्रॉयर ड्यूअल बैंड एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक स्कैन एरे (एईएसए) एयर सर्च रडार और अमेरिकी युद्धपोतों में मौजूद एमके-41 वर्टिकल लॉन्च सेल के जैसे 64 सेल वाले वर्टिकल लॉन्च सिस्टम बनाए गए हैं। इसके साथ ही रेन्हाई क्लास गाइडेड मिसाइल क्रूजर में भी ऐसे ही समान रडार लगे हुए हैं। यह युद्धपोत 112 वर्टिकल लॉन्च सेल से लैस होते हैं। इनमें एंटी शिप क्रूज मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, टॉरपीडो और पनडुब्बी रोधी हथियारों सहित दूसरे कई हथियार शामिल होते हैं। अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबकि, इस क्लास के युद्धपोतों में लैंड अटैक क्रूज मिसाइल और एंटी शिप बैलिस्टिक मिसाइल को भी इंस्टॉल किया जा सकता है।
ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…
मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…
हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…
इजरायल (Israel) और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…
Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…
The Kashmir Files के डायरेक्टर पर बॉलीवुड अदाकारा आशा पारेख बुरी तरह बिफर गई। विवेक…