India and US Yudh Abhyas: भारत ने चीन की दुखती रग पर हाथ रखा तो ड्रैगन दर्द से छटपटा उठा। भारत ने चीन को ये झटका अमेरिका के साथ मिल कर दिया है। दरअसल, भारत और अमेरिका का उत्तराखंड में चीन सीमा से 100 किमी दूर सैन्य अभ्यास चल रहा है। इसे ‘युद्ध अभ्यास’ (India and US Yudh Abhyas) नाम दिया गया है। दोनों देशों के बीच यह युद्धाभ्यास का 18वां संस्करण है, जिसे लेकर अब चीन को मिर्ची लगी है। चीन ने बुधवार को कहा कि LAC के करीब सैन्य अभ्यास भारत और चीन (India and US Yudh Abhyas) के बीच बॉर्डर समझौतों की भावना का उल्लंघन है। चीन को अब याद आ रहा है कि, ये उल्लंघन है। तो फिर गलवान और एलएसी पर जो वो कर रहा है वो क्या है?
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अमेरिका और भारत के साथ आने से चीन बौखला उठा
ऐसा पहली बार हो रहा है जब अमेरिका और भारत LAC के इतने करीब युद्धभ्यास कर रहे हैं। इस युद्धाभ्यास का मकसद शांति स्थापना और आपदा राहत कार्यों में दोनों सेनाओं के बीच अपनी विशेषज्ञता को साझा करना है। इसपर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन का रिएक्शन आया है। उनका कहना है कि, चीन-भारत सीमा पर LAC के करीब भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 1993 और 1996 में चीन और भारत के बीच समझौते की भावना का उल्लंघन है। पाकिस्तान के एक पत्रकार ने इसे लेकर जब सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, यह चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास को पूरा नहीं करता है।
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1993 और 1996 के समझौतों की चीन को अब याद आई
चीन को 1993 और 1996 के समझौतों की याद अब आई है। जब भारत ने 2020 में पूर्वी लद्दाख में सीमा के पास चीनी सैनिकों की बढ़ोतरी और उसके हरकतों पर जिक्र किया था तब उसे याद नहीं आया। तब भारत ने इसे द्विपश्रीय समझौतों का उल्लंघन बताया था। अमेरिका और भारत की सेनाओं के बीच तकनीक और रणनीति का आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से हर साल युद्धाभ्यास आयोजित किया जाता है। लेकिन, इसबार सीमा के इतने करीब इस युद्धभ्यास से चीन बौखला उठा है। वहीं, भारतीय सेना की ओर से 19 नवंबर को ट्वीट किया गया था कि, भारत-अमेरिका के बीच संयुक्त युद्ध अभ्यास का 18वां संस्करण आज से औली में शुरू हुआ। संयुक्त अभ्यास का उद्देश दोनों सेनाओं के बीच शांति स्थापना और आपदा राहत कार्यों में विशेषज्ञता साझा करना है।