अंतर्राष्ट्रीय

Xi Jinping के तीसरी बार राष्ट्रपति बनते ही 28 करोड़ लोग नजरबंद- 152 शहरों के लोग कैद!

China Xi Jinping: चीन में क्या स्थिति है, वहां क्या हो रहा है? जनता क्या चाहती है? इसकी जानकारी पूरी तरह से दुनिया को नहीं होती है। चीनी सरकार जो चाहती है बस वही आती है। चीन में जनता की कम सुनी जाती है, वहां की सरका (China Xi Jinping) अपनी मनमानी करती आई हैं। अपने मनमुताबिक फैसले लेते आई हैं। शी जिनपिंग भी ऐसे तानाशाह (China Xi Jinping) हैं जिन्हें जनता के विचारों से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें सिर्फ अपने फैसले ले मतलब है। तभी तो तीसरी बार राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने करीब 28 करोड़ो लोगों को नजरबंद कर दिया है। 152 शहरों के लोगों को कैद कर दिया है।

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अपने घरों में कैद हैं 152 शहरों के लोग
दरअसल, चीन में कोरोना वायरस (Covid-19) अब भी जिंदा है। चीनी सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी (China Zero Covid Policy) इतनी सख्त है कि लोग अपने घरों में ही भूखे-प्यासे एक कैदी की तरह रह चुके हैं। यही कारण था कि लोग सरकार बदलना चाहते थे लेकिन, शी जिनपिंग की तानाशाही के आगे जनता की नहीं चल सकी। इस वक्त चीन के 1-2 नहीं बल्कि 152 शहरों में लॉकडाउन (China Lockdown) लगा हुआ है। लोगों का गुस्सा ज्यादा न भड़के, इसके लिए चीनी अधिकारी लॉकडाउन को अलग-अलग शब्दों से भी नवाज रहे हैं। इनमें से अधिकतर शहरों में रात का लॉकडाउन है। शी जिनपिंग ने तो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस में अपने भाषण के दौरान जीरो कोविड पॉलिसी की सख्ती का संदेश भी दिया था। ऐसे में अंदेशा है कि चीनी नागरिकों को फिलहाल इस जुल्मी तानाशाही से मुक्ति नहीं मिलने वाली है। इस साल शियान और उसके बाद शंघाई में लॉकडाउन ने तो पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरी थीं। इन दोनों शहरों में दो-दो महीने से ज्यादा समय तक लोगों को घरों के अंदर बंद रखा गया। जरूरी काम से भी बाहर निकलने पर पाबंदियां लगाई गई थीं।

भारी नुकसान भी झेल रहा चीन
लॉकडाउन के चलते चीन भारी नुकसान भी झेल रहा है। अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है। लोगों के पास खाने-पीने के चीजों की भारी कमी है। अस्पताल जाने के लिए भी लोगों को बाहर निकलने की मनाही है। घरों में कैद रहने के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। इसके बावजूद शी जिनपिंग जीरो कोविड पॉलिसी में कोई भी छूट देने को तैयार नहीं हैं। इस कारण चीन में शी जिनपिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी देखे गए। हाल में ही बीजिंग में एक ओवरब्रिज पर शी जिनपिंग के खिलाफ बैनर फहराए गए और टायर जलाकर प्रदर्शन किया गया। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि जीरो कोविड पॉलिसी के जरिए शी जिनपिंग चीन पर अपनी पकड़ को प्रदर्शित कर रहे हैं। एक रिपोर्ट की माने तो, चीन के 152 शहरों में पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा हुआ है। जिसकी चपेट में चीन की 28 करोड़ जनसंख्या है। इनमें से 114 शहरों में अगस्त में ही लॉकडाउन लगा दिया गया था। सिर्फ बीजिंग ही चीन का ऐसा बड़ा शहर है, जहां लॉकडाउन नहीं लगाया गया है।

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चीन दे रहा लॉकडाउन को अलग-अलग नाम
रिपोर्ट के मुताबकि, चीनी सरकार कोविड लॉकडाउन को लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए अलग-अलग नाम दे रही है। इसे स्टैसिस मैनेजमेंट, एट-होम स्टिलनेस, स्टिलनेस थ्रूआउट द होल रिजन या स्टॉप ऑल नैसेसरी मूवमेंट जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा टेंपररी सोशल कंट्रोल को भी लॉकडाउन न कहकर लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया जा रहा है। हॉट्स्पॉट को एनक्लोज मैनेजमेंट का नाम दिया जा रहा है। ऐसे इलाकों से लोगों के निकास को सीमित किया जा रहा है। इन इलाकों के लोगों को कोविड टेस्ट के बाद ही बाहर निकलने दिया जा रहा है।

आईएन ब्यूरो

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