Hindi News

indianarrative

शी जिनपिंग के राष्ट्रपति बनते ही अमेरिका का रिएक्शन, कहा- चोर है चीन

FBI Director says china steal dominating tech sector

FBI on China: चीन के साथ साझा करने वाले हर एक देश उसकी हरकतों से परेशान हैं। चाहे जमीन पर हो या समुद्र में हर एक जगह चीन दूसरे देशों की सिमाओं में घुसने की कोशिश करता है। पिछले कुछ समय से तो वो ताइवान को अपने में मिलाने के लिए काफी ज्यादा उतावला नजर आ रहा है। इसके साथ ही चीन की कंपनियां जिस भी देश में हैं उनपर जासूसी का आरोप जरूर लगा है। खासकर अमेरिका (FBI on China) में बहुत ज्यादा चीनी कंपनियों द्वारा जासूसे के मामले आ चुके हैं। अब एक बार फिर से ड्रैगन के इन्हें हरकतों के चलते दुनिया के सामने उसे बेइज्जती सहनी पड़ रही है। अमेरिका ने चीन (FBI on China) पर लगातार झूठ बोलने के साथ ही धोखा देने और चोरी करने का आरोप लगाया है।

चीन पर अमेरिका ने लगाया चोरी का आरोप
फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के डायरेक्टर क्रिस्टोफर वैरी ने कहा कि टेक्नोलॉजी सेक्टर में प्रभुत्व जमाने के लिए ड्रैगन ये हरकतें कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार रूल ऑफ लॉ, फेयर बिजनेस प्रैक्टिस और इंटरनेशनल लॉ की अनदेखी कर रही है। FBI डायरेक्टर ने कहा कि चीनी सरकार की ओर से झूठ बोलने, धोखा देने और चोरी करने का काम कइयों की मिलीभगत से हो रहा है। इसका मकसद टेक्नोलॉजी सेक्टर में अमेरिका की कंपनियों को बिजनेस से बाहर कर देना है। उन्होंने चीनी सरकार से जुड़े ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी।

एक्शन लेगा अमेरिका
चीन की इन हरकतों को अमेरिका नजरअंदान नहीं करने वाला है। वैसे ही चीन और अमेरिका के बीच रिश्ते कमजोर ही रहे हैं। FBI डायरेक्टर क्रिस्टोफर वैरी ने कहा कि, इस तरह की हरकतें आपराधिक गतिविधियां हैं और यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट की ओर से ऐक्शन लिया जाएगा। एफबीआई निदेशक ने कहा, ’13 में से 10 लोग चीनी खुफिया ऑफिसर और चीन की सरकार से जुड़े अधिकारी हैं। तीन अलग-अलग मामलों में उन पर केस दर्ज है, जो पहली नजर में केस से हटकर मालूम पड़ सकता है।

शी जिनपिंग के राष्ट्रपति बनते ही चीन पर चोरी का आरोप
अमेरिका ने ये गंभीर आरोप ऐसे समय में लगाया है जब शी जिनपिंग तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने हैं। जिनपिंग को परंपरा से परे पार्टी नेतृत्व के लिए पांच साल का तीसरा कार्यकाल दिया गया। उन्हें सात सदस्यीय पार्टी की स्थायी समिति का सदस्य नामित किया गया और समिति ने उन्हें अपनी योजनाओं पर अमल करने की छूट दी। अब देखना होगा कि यूएस के इस आरोपों पर चीन की ओर से क्या रिएक्शन आता है। वैसे चीन वही रोना रोएगा कि ये सब अमेरिका झूठ बोल रहा है। ऐसे कुछ भी नहीं है।