पाकिस्तान और चीन की दोस्ती किसी से छुपी नहीं है, लेकिन यह भी सबको पता है कि जिस चीन के दम पर पाकिस्तान इतना बड़बोला होते जा रहा है वह चीन सिर्फ उसका इस्तेमाल कर रहा है। पाकिस्तान में चीन अपने कई प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहा है और आने वाले समय में चीन बैठे-बैठे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से लेकर हर एक चीज अपनी मुट्ठी में कर लेगा। वहीं, चीन ने पाकिस्तान को जो हथियार दिए थे वो हथियार नहीं कबाड़ निकलें।
दरअसल, पाकिस्तानी सेना अपनी मजबूती बढ़ाने के लिए काफी हद तक चीन पर निर्भर है। लेकिन पाकिस्तान रक्षा बलों को चीन से मिलने वाली आधुनिक हथियारों की सप्लाई की वजह से अब दोनों देशों के बीच कड़वाहट पैदा हो रही है। खराब गुणवत्ता वाले चीनी सैन्य हार्डवेयर और घटिया सर्विसिंग व रखरखाव के चलते इस्लामाबाद और पेइचिंग के बीच तनाव आ गया है। अल मायदीन (Al Mayadeen) की एक ब्लॉग की माने तो निसार अहमद ने लिखा है कि, "चीन और पाकिस्तान अक्सर एक दूसरे के कब्जे वाले इलाके में एक-दूसरे के रुख का समर्थन करते हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री ग्रुप ऑफ चाइना की ओर से डिजाइन किए गए और चाइना नेशनल एयरो टेक्नोलॉजी इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट कॉर्पोरेशन (CATIC) की ओर से बेचे गए तीन सैन्य ड्रोन सहयोग के रूप में जनवरी 2021में पाकिस्तान एयर फोर्स में शामिल हुए थे।
इसके आगे रिपोर्ट में बताया गया है कि, चीन में बनाई गई लूंग II मानवरहित हवाई प्रणाली (यूसीएवी) को पाकिस्तान सेना में शामिल किए जाने के कुछ दिनों के भीतर ही खराब होने के कारण रोक दिया गया है। चीन के सैन्य ड्रोन को लेकर Amader Shomoy ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान ने सिर्फ चीनी फर्म की खराब सेवा और घटिया रखरखाव को सेना में शामिल किया है।
ड्रोन पर लगे इंफ्रा-रेड कैमरे से नाइट्रोजन गैस का लीक होना सबसे बड़ी समस्या है। पाकिस्तानी वायु सेना चाहती है कि इंफ्रा रेड पॉड्स को तुरंत बदला जाए। जबकि चीनी फर्म उनके आवेदन का कोई जवाब नहीं दे रही है। यूएवी के अगला फ्यूल पंप भी फेल हो गया है। इधर CATIC पाकिस्तान की ओर से की जा रही किसी भी कॉल का जवाब नहीं दे रही है। इस फर्म की ओर से सप्लाई किए गए पुर्जे घटिया थे और ज्यादातर इस्तेमाल के लायक नहीं थे।