आतंकियों का आका पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) ने ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। FATF की तीन दिन तक पेरिस में चली मीटिंग के बाद पाकिस्तान को लेकर ये फैसला लिया गया है जिसके बाद अब पाकिस्तान को अप्रैल 2022 तक ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा।
ऐसा लगता है कि इमरान खान की आतंकियों को लेकर बयानबाजी काम नहीं आई, एक तरफ तो इमरान खान आतंकियों के खिलाफ एक्शन की बात करते हैं तो वहीं दूसरी ओर आतंकियों से हाथ मिलाते हैं, जिसपर FATF की कड़ी निगरानी से वो बच नहीं पाए। पाकिस्तान को पहली बार जून 2018 में इस लिस्ट में डाला गया था, तब से लेकर अब तक यह इससे बाहर नहीं निकल पाया है, हालांकि, इमरान खान ने कई बार कोशिश की लेकिन नाम रहे।
ग्रे लिस्ट में सड़ता रहेगा आतंकियों का आका #Pakistan! FATF ने कहा 2018 से पाकिस्तान टेरर फण्डिंग रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया#FATF #Pakistan #terrorism pic.twitter.com/b30GMNMLlI
— इंडिया नैरेटिव (@NarrativeHindi) October 21, 2021
FATF की पेरिस में ऑनलाइन बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखे रहने के फैसले पर मुहर लगाई गई। गुरुवार शाम को जारी किए गए बयान में एफएटीफ ने बताया कि पाकिस्तानी सरकार आतंकवाद के खिलाफ 34 सूत्रीय एजेंडे में से चार को पूरा करने में विफल रही है। एफएटीएफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधित आतंकवादियों के खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। एफएटीएफ ने तुर्की को लेकर भी कड़ी टिप्पणी की है।
आतंकी संगठनों को मिलने वाली आर्थिक मदद और मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाने में असफल रहने की वजह से पाकिस्तान को इस लिस्ट में डाला गया था। एफएटीएफ की तरफ से पाकिस्तान को 27 प्वाइंट वाला एक एक्शन प्लान दिया गया था। अक्टूबर 2019 तक पाकिस्तान को उस पर एक्शन लेना था, इस प्लान में बाद में 6 और प्वाइंट्स जोड़े गए थे।
कश्मीर पर पाकिस्तान का साथ देना तुर्की को पड़ा भारी FATF ने निगरानी सूची में डाला, पाकिस्तान का साथ न छोड़ा तो अगली बार हो सकता है ब्लैक लिस्ट#Turkey #FATF #Pakistan #Kashmir pic.twitter.com/p4SvXyTyAS
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पाकिस्तान की अर्थव्यव्सथा पर अब भारी असर पड़ने वाला है, देश में पहले से ही आर्थिक तंगी है। ग्रे लिस्ट में बने रहने के दौरान पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ), विश्व बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। इसके साथ ही दूसरे देशों से भी आर्थिक मदद मिलना पाकिस्तान को बंद हो सकता है।