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शहबाज सरकार के मंत्री का बड़ा खुलासा, चीन नहीं चाहता था इमरान कभी प्रधानमंत्री बने!

चीन नहीं चाहता था इमरान पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनें।

पाकिस्तान के शहबाज सरकार के मंत्री अहसान इक़बाल ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि चीन कभी नहीं चाहता था कि इमरान पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बने। क्योंकि चीन ये मान कर चलता था कि इमरान के आने से CPEC प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचेगा।

बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में इमरान खान जनता की वोट से नहीं बल्कि सेना के चाहने से प्रधानमंत्री बने थे। इसको लेकर चीनी सरकार  ने पाकिस्तानी सेना को चेताया भा था।

चीन ने इसे लेकर सेना को वॉर्निंग भी दी थी

पाकिस्तान में इमरान खान जनता के वोट से नहीं बल्कि सेना के चाहने से प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन चीन ने पाकिस्तानी सेना को इमरान को लेकर वॉर्निंग दी थी। चीन का मानना था कि इमरान के आने से CPEC प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचेगा। पाकिस्तानी मंत्री ने यह दावा किया है।

‘सेना ने बनाया था इमरान खान को प्रधानमंत्री’

पाकिस्तान में कहने के लिए लोकतंत्र है,लेकिन सच्चाई यह है कि पाकिस्तान में सेना जिसे चाहे, वही सत्ता पर काबिज होता आया है। साल 2018 में सेना ने इमरान खान को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया था। इमरान के कार्यकाल में पाकिस्तान और चीन के संबंधों में कोई खास उपलब्धि नहीं रही। पाकिस्तान के योजना औऱ विकास मंत्री अहसान इकबाल ने कहा कि PTI और इमरान खान ने चीन-पाकिस्तान के आर्थिक गलियारे(CPEC) का काफी नुकसान पहुंचाया।

चीन ने पाक सेना को चेताया था

वहीं, पाकिस्तानी मंत्री ने खुलासा करते हुए कहा कि उस समय चीन ने सेना को वॉर्निंग भी दी थी। चीन ने तत्कालीन सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से कहा था कि आम चुनाव से पहले इस तरह का कोई कमद न उठाए। क्योंकि चीन का मानना था कि इमरान CPEC को डीरेल कर देगा।

चीन ने सेना से चुनाव में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से मना किया था

हालांकि , सेना की ओर से चीन को आश्वस्त किया गया था कि जो भी सत्ता में आएगा वह किसी भी प्रोजेक्ट और बुनियादी ढांचे में बाधक नहीं बनेगा। वहीं, मंत्री अहसान इक़बाल ने आगे कहा कि चीन ने सेना से आम चुनाव में हस्तक्षेप न करने को कहाथा।

‘इमरान के आने से चीन का पाकिस्तान से विश्वास कम हुआ’

मंत्री इक़बाल ने कहा कि पीटीआई सरकार आधारहीन आरोपों ,चीनी मजदूरों के वीजा नवीनीकरण में देरी के साथ-साथ कई ऐसे काम किए जिससे चीन का पाकिस्तान पर से विश्वास कम हुआ। हालांकि उन्होंने कहा कि इमरान सरकार के दौरान विपक्ष लगातार CPEC को आगे न बढ़ाने का आरोप लगाती रही।