बिहार में शराब बंदी है लेकिन बिहार के हर चौराहे पर शराब मिलता है। एक बार फिर नीतीश सरकार की पोल खुल गई है। पिछले कई दिनों से सुबे में जहरीली शराब से लोगों की जाने जा रही है। गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण के जिलों में पिछले दो दिनों में ज़हरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बुधवार से अब तक 26 लोगों की मौत जहरीली शराब के चलते हुई है। बीते दो दिनों में गोपालगंज में 17 और बेतिया में 9 लोगों की जान जहरीली शराब पीने के चलते गई है।
बीते दो दिनों में 21 लोगों की जहरीली शराब से मरने की पुष्टि नीतीश सरकार के मंत्री सुनील कुमार ने भी की है। उन्होंने बताया कि बेतिया में 10 और गोपालगंज में 11 लोगों की अवैध शराब पीने से मौत हुई है। वहीं कई ऐसे लोग अस्पताल में और दूसरी जगहों पर चोरी छिपे इलाज करवा रहे हैं। जिन्होंने जहरीली शराब का सेवन किया है। कई लोग जहरीली शराब पीकर अपने आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं।
बेतिया के नौतन प्रखंड दक्षिण तेलवा पंचायत में एक ही गांव के 16 लोगों की मौत से कोहराम मचा है। इस वजह से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। शोक के कारण गांववालों ने दीवाली नहीं मनाई। बेतिया मेडिकल कॉलेज में चार लोग भर्ती हैं। मोतिहारी और गोपालगंज मे भी कुछ लोग चोरी-छिपे इलाज करवा रहे हैं। पुलिस आस-पास के गांव में छापेमारी कर रही है। अब तक दो महिलाओं को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। आईजी के अलावा डीएम-एसएसपी सहित सभी वरीय अधिकारी गांव में जमे हुए हैं। कुछ महीने पहले भी बेतिया में जहरीली शराब से 12 लोगों की मौत हो गई थी। हैरानी की बात यह है कि पुलिस उस केस में भी अबतक खाली हाथ है।
सरकारी रिपोर्ट कहता है कि इस साल जनवरी से 31 अक्टूबर तक जहरीली शराब पीने से 70 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग जहरीली शराब पीकर अपने आंखों की रोशनी रोशनी गंवा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार नवादा, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सिवान और रोहतास जिलों में कई लोगों के आंखों के रोशनी चली गई है।