भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि, स्वतंत्रता के 100वें साल की ओर अग्रसर भारत एक नए युग की शुरुआत करेगा और दुनिया भर के अग्रणी देशों में शुमार होकर अपनी कई उपलब्धियों के लिए जाना जाएगा। सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के 73वीं बैच की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के अलावा, पाकिस्तान, चीन, म्यांमार और बांग्लैदेश जैसे देशों से लगती भारत की 15,000 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा के प्रबंधन में पुलिस बलों की बड़ी भूमिक है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, भारत की संप्रभुता तटीय क्षेत्रों से लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों तक अंतिम पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र तक जाती है।
यह भी पढ़ें- Pakistan के एजेंट हैं Salman Khurshid? बोको हराम vs आरएसएस
अजीत डोभाल ने कहा कि, भारत के 32 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के हर हिस्से में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस बलों की है। सिर्फ वही पुलिसिंग ही नहीं जिसमें आप लोगों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है बल्कि इसका भी विस्तार होगा। आप इस देश के सीमा प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार होंगे। पंद्रह हजार किलोमीटर की सीमा, जिसमें से ज्यादातर हिस्से की अपनी ही तरह की समस्याएं हैं।
अपने संबोधन में डोभाल ने कहा कि, देश में पुलिस बल की संख्या 21 लाख है और अभी तक 35,480 कर्मियों ने बलिदान दिया है। हम भारतीय पुसिस सेवा (IPS) के उन 40 अधियारियों को भी याद करना चाहेंगे जो शहीद हो घए। लोकतंत्र का मर्म मतपेटी में नहीं बल्कि कानूनो में निहित होता है जो निर्वाचन प्रक्रिया से चुने गए लोगों द्वारा बनाए जाते हैं। जहां कानून प्रवर्तक कमजोर, भ्रष्ट और पक्षपातपूर्ण हैं वहां लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते है।
यह भी पढ़ें- पाकिस्तान से जान बचाकर भागे हिंदू-बंगालियों को यूपी में योगी का सहारा
इसके आगे उन्होंने कहा कि, पुलिस को अन्य संस्थानों के साथ मिलकर काम करना होगा जिसके लिए उन्हें देश की सेवा करने के लिहाज से मानसिक सोच की जरूरत है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, अगर आंतरिक सुरक्षा विफल होती है तो कोई देश महान नहीं बन सकता। अगर लोग सुरक्षित नहीं हैं तो वे बढ़ नहीं सकते और संभवतः देश भी आगे नहीं बढ़ेगा।