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बड़ी खबर: Cryptocurrency पर मोदी सरकार लेगी बड़ा फैसला, सोमवार को अहम बैठक, RBI जता चुका है चिंता

Cryptocurrency पर मोदी सरकार लेगी बड़ा फैसला

क्रिप्टोकरेंसी पर मोदी सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। पीएम खुद इसपर नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी यानी वर्चुअल मुद्रा पर बैठक लिए जाने के बाद 15 नवंबर को वित्त मामलों पर गठित संसद की स्थायी समिति विभिन्न एसोसिएशन और विशेषज्ञों के साथ विमर्श करने जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर एक व्यापक विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है, जिसे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।

अब तक एक्सचेंज सेल्फ-रेग्यूलेटरी गाइडलाइंस पर चल रहे हैं, जो ज्यादातर बीएसीसी बोर्ड द्वारा निर्धारित किए गए हैं। यह इंडस्ट्री के सभी प्लेयर्स के साथ उनका कंप्लायंस सुनिश्चित करते हैं। हालांकि ये स्टेकहोल्डर्स पहले से ही सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। सरकार ने अभी तक भारत में क्रिप्टोकरेंसी की भूमिका पर कोई आधिकारिक रुख नहीं अपनाया है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में अपना पक्ष स्पष्ट करेगी।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पहले ही क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना पक्ष सरकार के सामने रख दिया है। केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को डिजिटल परिसंपत्तियों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में गंभीर चिंताएं हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि वर्चुअल करेंसी को लेकर RBI की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हमें क्रिप्टोकरेंसी के बारे में प्रमुख चिंताएं हैं, जो हमने सरकार को बताई हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों को भी डिजिटल करेंसी को लेकर बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। 

सरकार को जिस चिंता को दूर करने की जरूरत है, वह यह है कि क्या ऐसी डिजिटल संपत्ति को मुद्रा या निवेश संपत्ति के रूप में माना जाता है। सूत्रों का मानना ​​है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा का दर्जा मिलने की बहुत कम संभावना है। हालांकि इसे सही तरीके से रेगुलेट पर बेहतर टैक्स कलेक्शन उम्मीद की जा रही है।

गंभीर धोखाधड़ी जांच विभाग (एसएफआईओ) की ओर से दी गई रिपोर्ट पर केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी खासतौर पर बिट्क्वाइन में भारतीयों के बढ़ते निवेश को लेकर सतर्क हो गई थी। एसएफआईओ ने बीते कुछ माह में विभिन्न स्तरों पर इसको लेकर राज्यों और अन्य के साथ बैठकें कर रिपोर्ट तैयार की थी।

वित्त मंत्रालय ने संसद में यह साफ कर दिया था कि क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी लीगल टेंडर यानी वैध मुद्रा नहीं है। इसके बाद आरबीआई की ओर से इसकी ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और फिर सुप्रीम कोर्ट ने मार्च, 2020 में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग लगे प्रतिबंध को हटा दिया। प्रतिबंध के हटने के बाद कोरोना काल में भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में जमकर निवेश किया।