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Vijay Divas: ऐतिहासिक मंदिर जहां पाकिस्तानी फौज ने किया था बंगाली हिंदुओं का नरसंहार! बर्बरता की कहानी सुन रोंगटे खड़े हो जाते हैं

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भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बांग्लादेश की तीन दिवसीय राजकीय दौरे पर है। यहां आज वब 50वें विजय दिवस समारोह में शामिल होंगे। इस दौरान वो ढाका के ऐतिहासिक रमना काली मंदिर का लोकार्पण भी करेंगे। रमना काली मंदिर वही जगह है, जिसे 1971 में पाकिस्तानी सेना ने तोड़ दिया था। जी हां, 600 साल पुराने इसी मंदिर में 27 मार्च 1971 को मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। यही नहीं, मंदिर के मौजूद सैंकड़ों हिंदुओं की हत्या भी कर दी गई थी। ऑपरेशन सर्चलाइट के तहत एक-एक हिंदुओं को मौत के घाट उतारा गया था। इस मंदिर को फिर से बनाया गया है।

1971 के समय इस मंदिर के पुजारी श्रीमत स्वामी परमानंद गिरि थे। स्वामी परमानंद गिरी ने मूर्तियों को हाथ में पकड़ा था, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने उन्हें भी जिंदा नहीं छोड़ा। अनुमान है कि कुछ 250 हिंदू पुरूष, महिलाएं और बच्चे उस दिन हमले में मारे गए थे। जब बांग्लादेश का निर्माण हुआ तो एक उम्मीद जागी कि शायद यहां की तत्कालीन सरकार इस मंदिर का निर्माण फिर से कराए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इस मंदिर की जमीन को हिंदू बोर्ड से शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत जब्त कर लिया गया। बाद में इस जमीन को पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया गया और फिर इसे ढाका क्लब को दे दिया गया।

लगातार हिंदू मंदिर की जमीन को लेकर अपनी याचिकाएं लगाते रहे, लेकिन एक के बाद एक 3 दशक की कोशिश बेकार साबित होती गई। आखिर में साल 2000 में शेख हसीना सरकार इसके लिए मान गई। साल 2004 में मंदिर में मां की मूर्ति की स्थापना की गई और 2006 में खलीदा जिया सरकार ने हिंदुओं को आखिर में मंदिर निर्माण की अनुमति दी। इसके लिए सरकार ने  2.5 एकड़ की जमीन असाइन की, लेकिन मंदिर का निर्माण नहीं हुआ। साल 2017 में जब सुषमा स्वराज बांग्लादेश गईं, तो घोषणा की गई कि काली बारी मंदिर के निर्माण में भारत बांग्लादेश की मदद करेगा। अब राष्ट्रपति कोविंद इसी काली मंदिर के नए पुननिर्मित खंड का उद्घाटन और निरीक्षण करेंगे। राष्ट्रपति 17 दिसंबर को ढाका में रहेंगे।  

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