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IIT-Kanpur के दीक्षांत समारोह में छात्रों को मिला पीएम मोदी का मंत्र, बोलें- चुनौतियों से मत भागना

IIT-Kanpur के दीक्षांत समारोह में छात्रों को मिला पीएम मोदी का मंत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर आईआईटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए छात्रों से कहा कि हमें कभी चुनौती से नहीं भागना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग चुनौती से भागते हैं, वो उनका शिकार बन जाते हैं। आज से शुरू हुआ यात्रा में आपको सहूलियत के लिए शॉर्टकट भी बहुत लोग बताएंगे, लेकिन मेरी सलाह यही होगी कि आप कंफर्ट मत चुनना, चुनौती जरूर चुनना। क्योंकि आप चाहें या न चाहें, जीवन में चुनौतियां आनी ही हैं। जो लोग उनसे भागते हैं वो उनका शिकार बन जाते हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि, आप अपनी मानवीय संवेदनाओं को और जानने की ललक को कभी मरने मत देना। लोगों से जुड़ने की अपनी इच्छा को दबने नहीं देगा। जीने की जिजिविषा का नाम ही जीवन है और इसे पूरे आनंद एवं उल्लास से जीना।

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इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि, उत्तर प्रदेश में पहले जिन लोगों ने सरकरा चलाई थी उन्होंने समय की अहमियत कभी नहीं समझी। 21वीं सदी के इस कालखंड में यूपी को तेज़ गति से प्रगति करनी थी उस अहम अवसर को पहले की सरकारों ने गंवा दिया। उनकी प्राथमिकताओं में प्रदेश का विकास नहीं था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर में मेट्रो का उद्घाटन किया इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि, कौन भारतीय नहीं चाहेगा कि भारत की कंपनियां ग्लोबल बनें, भारत के उत्पाद ग्लोबल बनें, जो आईआईटी को जानता है। यहां के टैलेंट को जानता है, यहां के प्रोफेसर्स की मेहनत को जानता है, वो ये विश्वास करता है ये आईआईटी के नौजवान जरूर करेंगे। आज भारत दुनिया का दूसरा स्टार्ट हब बनकर हब बनकर उभरा। तीसरा सबसे बड़ा यूनीकॉर्न देश बन गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर मेट्रो का उद्धाटन किया। बताते चलें कि, कानपुर मेट्रो परियोजना का निर्माण कार्य का शुरुआत 15नवंबर 2019में हुआ था और दो साल से भी कम समय में 10नवंबर 2021को 9किमी IIT से मोतीझील प्रायोरिटी कॉरिडर पर ट्रायल रन हुआ।

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इसके आगे उन्होंने कहा कि, मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही होगी लेकिन मैं चाहता हूं कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें। यदि हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तो हमारा देश अपने लक्ष्य कैसे पूरे करेगा, अपनी डेस्टिनी तक कैसे पहुंचेगा। जब देश की आजादी को 25 साल हुए, तब तक हमें भी अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए बहुत कुछ कर लेना चाहिए था। इसके आगे उन्होंने कहा कि, ये दौरा, ये 21वीं सदी, पूरी तरह प्रौद्योगिकी संचालित है। इस दशक में भी तकनीकी अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है। अब बिना तकनीक के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा। ये जीवन और तकनीक की स्पर्धा का युग है और मुझे विश्वास है कि इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे। जब आपने आईआईटी कानपुर में प्रवेश लिया था और अब जब आप यहां से निकल रहे हैं, तब और अब में आप अपने में बहुत बड़ा परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे।