पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की दिन लदने वाले हैं। ऐसा लग रहा है कि इमरान सरकार से पाकिस्तान आर्मी ने अपनी वैसाखियां हटा ली हैं। यही कारण है कि इमरान खान के खिलाफ फॉरेन फंडिंग मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इमरान खान के खिलाफ यह जांच 4 जनवरी से शुरू करने जा रहा है।
इतना ही नहीं इमरान खान की कैबिनेट के मंत्री भी अब सरकार की नीति और नीतियों से सहमत नहीं हैं। आईएमएफ के निर्देशों पर पाकिस्तान की सीनेट में लाए जाने वाला मिनी बजट भी तय समय पर इमरान सरकार पेश नहीं कर सकी। ऐसा कहा जा रहा है कि बिजली-पानी और रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ाए जाने की आशंका से इमरान खान की पार्टी के सीनेटर्स खौफजदा हो गए हैं। क्योंकि महंगाई-बेरोजगारी और भुखमरी से पाकिस्तानी जनता पहले ही त्राहि माम कर रही है।
पाकिस्तानी मीडिया में यह सुगबुगाहट है कि आर्मी की बैसाखियां इमरान सरकार को लगी होती तो मिनी बजट भी तय समय पर पेश ही नहीं बल्कि पास भी हो जाता। इसी तरह इमरान खान की पार्टी को केपीके चुनावों में शिकस्त का मुंह भी नहीं देखना पड़ता। सबसे बड़ी दिक्कत तो इमरान खान की कैबिनेट के वो मंत्री बन रहे हैं जो सरे आम कहते फिर रहे हैं कि पाकिस्तान अब रहने काबिल मुल्क ही नहीं बचा है।
पाकिस्तान में इमरान खान को इलेक्टेड पीएम नहीं बल्कि सिलेक्टेड पीएम कहा जाता है। देश की पार्लियामेंट में विपक्षी दल इमरान खान को सिलेक्टेड पीएम ही संबोधित करते हैं।
इमरान खान को पीएम की कुर्सी पाक आर्मी की मदद से ही मिली थी। इमरान खान और पाक आर्मी चीफ में एक कॉन्फीडेंशियल एग्रीमेंट हुआ था कि आर्मी किन-किन मसलों पर दखल दे सकेंगे। पाकिस्तान में इसे सरकार का हाइब्रीड मॉडल कहा गया। अफगानिस्तान में पाक आर्मी के खुले दखल, आईएसआई चीफ फैज हामिद का काबुल जाना, फैज हामिद की जगह नदीम अंजुम की तैनाती को लेकर विवाद जैसे कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिनके चलते पाक आर्मी का पीएम इमरान खान के भरोसा उठता चला गया।
पाकिस्तानी आर्मी ने इमरान खान को इलेक्टोरल रिफॉर्म बिल की मंजूरी तक सहयोग किया, लेकिन उसके बाद एकदम बैसाखियां खींच लही गईं। उसीका नतीजा है कि केपीके में इमरान की पार्टी को भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। पाकिस्तानी आर्मी ने साफ-साफ बता दिया है कि बिना उनके पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की सरकार एक कदम भी नहीं चल सकती। इसी बीच ऐसा भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी आर्मी के टॉप ब्रासेस ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कई राउंड बात की है। पाक आर्मी नवाज शरीफ को वापस लाकर इमरान खान को पीएम पद से बेदखल करेगी। इसके भी दो रास्ते हो सकते हैं।
पहला यह कि संसद में इमरान खान के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाए और फिर नवाज शरीफ की दावेदारी पर विपक्षी दलों की मुहर लगवाई जाए। दूसरा विकल्प यह है कि इमरान खान को पीएम की कुर्सी से बेदखल कर पाकिस्तान में समय से पहले चुनाव करवा दिए जाएं और फिर नवाज शरीफ को पीएम की कुर्सी पर बैठाया जाए। पाकिस्तान की सियासत का ऊंट किस करवट बैठने वाला है यह जल्दी दिखाई देने वाला है।