पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का मुंह काला तो उस वक्त ही हो गया था, जब पाक आईटी मिनिस्ट्री ने कबूल किया कि गिलगिट-बाल्टिस्तान और पीओके पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है। एक बार फिर इमरान खान अपनी किरकिरी करा रहे है। एक कार्यक्रम के दौरान इमरान खान बड़बोलापन के कारण आलोचनाओं के शिकार हुए। जानकारी के मुताबिक, इमरान खान रावलपिंडी चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आरसीसीआई) की ओर से आयोजित 14वें इंटरनेशनल चेंबर्स समिट के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
इस दौरान इमरान खान ने कोरोना संकट से निकलने में अपनी सरकार की तारीफ की और भारत में महामारी की भयावहता की मिसाल दे डाली। पाक पीएम ने कहा- 'अल्लाह ने जिस तरह से हमें कोरोना से निकाला उसकी पूरी दुनिया ने तारीफ की है। हमने अपनी अर्थव्यवस्था भी बचाई और अपने लोगों की जानें भी बचा लीं। दुनिया में देखें तो कोरोना ने क्या तबाही मचाई है। हिन्दुस्तान हमसे कितना आगे है, लेकिन उनका ग्रोथ रेट माइनस में पहुंच चुका है। हिन्दुस्तान में कोरोना वायरस से कोई कहता है कि 10 लाख मरे, कोई कहता है कि 30 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई। हमारे ऊपर देखिए अल्लाह ने कितना करम किया।'
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इमरान खान ने कहा- 'मैंने कई ऐसे फैसले लिए जो अब इंग्लैंड में बोरिस जॉनसन भी ले रहे हैं। अगर मैं लॉकडाउन कर देता तो आप आज देखते कि मुल्क के अंदर क्या हालात होते। मेरे ऊपर लॉकडाउन का काफी दवाब था। इसके बाद महंगाई बढ़ गई। महंगाई से पूरी दुनिया परेशानी में है। बोरिस जॉनसन के अपने सांसद गैस की कीमत पर घेर रहे हैं। पूरा सप्लाई चेन बाधित है। स्टील, गैस, कोयला और पाम तेल सब महंगे हो चुके हैं। इसके बावजूद पाक में सब सस्ता है। अगर आप हिन्दुस्तान से पेट्रोल और डीजल की कीमत देखें तो पाकिस्तान में बहुत कम है।'
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इमरान खान ने कहा- 'पाकिस्तान के इतिहास में किसी भी सरकार को इतने बड़े राजस्व घाटे और चालू खाता घाटे का सामना नहीं करना पड़ा। अगर हमारे दोस्त चीन, यूएई और सऊदी अरब ने फंड न दिया होता तो हम डिफॉल्ट के वर्ग में चले जाते।' इमरान खान ने कहा- 'हमारे पास कर्ज चुकाने के लिए पैसे नहीं थे। रुपए को गिरने से बचाने के लिए डॉलर नहीं थे। इस बीच कोरोना महामारी ने ने दस्तक दे दी। हम तब आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे थे।'