Hindi News

indianarrative

आज के दिन देश को मिली थी पहली महिला प्रधानमंत्री, मोरारजी का सपना तोड़ इंदिरा गांधी ने हासिल की थी कुर्सी

courtesy google

19 जनवरी 1966, वो दिन जब देश को पहली महिला प्रधानमंत्री मिली थी। इस दिन इंदिरा गांधी पीएम पद के विराजमान हुई थी। वो आजाद भारत की पहली और इकलौती महिला प्रधानमंत्री बनी। इंदिरा गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बाद पीएम की कुर्सी संभाली थी। दरअसल, 11 जनवरी 1966 को ताशकंद समझौते की रात प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था। जिसके बाद कांग्रेस में नेता चुनने की लड़ाई शुरू हुई। मोरारजी देसाई कभी भी इंदिरा को नेहरू का उत्तराधिकारी नहीं मानते थे। उन्होंने इंदिरा को लिटिल गर्ल कहकर उनके नाम को खारिज कर दिया था।

यह भी पढ़ें- मेरठ के किसान ने कर दिखाया कमाल, पैदा कर दिखाया इतना लम्बा गन्ना, देख कर लोग हुए हैरान

कांग्रेस संसदीय दल का चुनाव हुआ तो इसमें इंदिरा गांधी को 355 वोट मिले थे। जबकि मोरारजी को मात्र 169 वोट मिले। यह दूसरा मौका था जब मोरारजी प्रधानमंत्री बनने से चूके थे। इससे पहले नेहरू के निधन के बाद भी वे प्रधानमंत्री पद की दौड़ में थे। इंदिरा गांधी ने 19 जनवरी 1966 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद इंदिरा लगातार 3कार्यकाल तक प्रधानमंत्री रहीं। 1980 में वे चौथी बार प्रधानमंत्री बनीं और 31 अक्टूबर 1984 को अपनी हत्या के दिन तक देश की प्रधानमंत्री रहीं। इंदिरा गांधी ने कई उपलब्धियां अपने नाम की तो कई दंश भी झेले।

यह भी पढ़ें- Republic Day Parade: भारतीय वायुसेना के आगे 'झुकेगा' आसमान, तंगैल एयरड्रॉप से दिखायी जाएगी 1971के युद्ध की झलकियां

1975 में आपातकाल की घोषणा और 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सेना भेजने के फैसले उनके जीवन पर भारी पड़े। आपातकाल के बाद जहां उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी वहीं स्वर्ण मंदिर में सेना भेजने के फैसले की कीमत उन्हें अपने सिख अंगरक्षकों के हाथों जान देकर चुकानी पड़ी। इंदिरा गांधी ने अपने फैसले के दम पर 'आयरन लेडी' का खिताब अपने नाम किया। उनके कई फैसलों के आगे विरोधी पार्टियों को झुकना पड़ा। उनके फैसों में बैंकों का राष्ट्रीयकरण, पाकिस्तान से जंग और बांग्लादेश का उदय, गरीबी हटाओ, 1974 में पोखरन परीक्षण और आपातकाल की घोषणा जैसे दमदार फैसले शामिल है।