आजादी के 75 वर्ष पर भारत का गौरवशाली इतिहास की झलक देखने को मिलेगी। गणतंत्र दिवस परेड में वायुसेना की झांकी में वायुसेना की ताकत देखने को मिलेगी। राजपथ पर 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध की जीत का जश्न दिखेगा। दरअसल, पहली बार राजपथ के ऊपर कुल 75 विमान उड़ान भरेंगे जिनमें राफेल, सुखोई-30s, जगुआर, C-130J, Mi-35, MiG-29K और P-8I जैसे एयरक्राफ्ट शामिल हैं। फ्लाइंग डिस्प्ले भारत के गणतंत्र दिवस की परेड की सबसे प्रमुख गतिविधियों में से एक है। परेड के दौरान तंगैल फॉर्मेशन का प्रदर्शन होगा।
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इसमें एक विंटेज डकोटा एयरक्राफ्ट को दो डॉर्नियर 228 एयरक्राफ्ट के साथ दिखाया जाएगा। ढाका के उत्तर में स्थित तंगैल में भारतीय पैराट्रूपर्स ने अपने सबसे बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया था। तंगैल एयरड्रॉप की बदौलत पाकिस्तान सेना के आत्मसमर्पण का स्टेज सेट हुआ। हमारे जवानों ने अपने से तीन गुना ज्यादा संख्या में मौजूद पाकिस्तानी सैनिकों को मात दी और ढाका को बचाने का उनका हौसला तोड़ दिया। वायुसेना की 'टैब्लो' में 1971 के युद्ध में ढाका के गर्वनर के घर पर मिग-21 की बमबारी को दर्शाया गया है तो मिसाइलों के साथ राफेल लड़ाकू विमान और स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर, एलसीएच भी दिखाया गया है।
गणतंत्र दिवस परेड की वर्चुअल प्रेस प्रीव्यू के दौरान वायुसेना ने बताया कि, टैब्लो में स्वदेशी 'एसलेशा' रडार और जीसैट-7ए मिलिट्री सैटेलाइट का मॉडल भी होगा। डीआरडीओ द्वारा तैयार की गई इस एसलेशा मार्क-1 रडार को उंचे पहाड़ों से लेकर रेगिस्तान तक में दुश्मन के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और मध्यम दूरी पर उड़ रहे यूएवी-ड्रोन को 'डिटेक्ट' करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वायुसेना के मुताबिक, गणतंत्र दिवस परेड में कुल 96 वायुसैनिक और चार अधिकारियों की टुकड़ी हिस्सा लेगी। वायुसेना ने 2011, 12, 13 और 20 में सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ी का खिताब जीता था। वायुसेना के 75 संगीतकारों का म्यूजिक बैंड भी रिपब्लिक डे परेड का हिस्सा होगा।