आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के सबसे बड़ मामले 'डोरंडा ट्रेजरी' से की गई सबसे बड़ी अवैध निकासी पर रांची की सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। इस मामले में लालू यादव को दोषी करार दिया है। डोरंड ट्रेजरी घोटाले में लालू प्रसाद ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अस्पताल भेजे जाने की मांग की है।
बता दें कि, इस सबसे बड़े मामले में रांची के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। मामले में शुरुआत में 170 आरोपी थे, इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो गई। दीपेश चांडक और आरके दास समेत सात आरोपियों को सीबीआई ने गवाह बनाया। सुशील झा और पीके जायसवाल ने निर्णय से पहले ही दोष स्वीकर कर लिया। मामले में छह आरोपी फरार हैं. इस हाईप्रोफाइल मामले में लालू यादव के आलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉक्टर आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉक्टर के एम प्रसाद सहित 99 आरोपियों के खिलाफ आज फैसला आएगा। मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 575 गवाहों की गवाही दर्ज कराई गई। बचाव पक्ष की ओर से 25 गवाह पेश किए गए हैं।
इससे पहले लालू प्रसाद को होटवार जेल भेज दिया गया है। यहां जेल में मेडिकल जांच के बाद तय होगा कि उन्हें जेल में ही रखा जाएगा या उनके स्वास्थ्य को देखते हुए रिम्स भेजा जाएगा। इससे पहले लालू के वकील ने अदालत में उनकी सेहत की दुहाई देते हुए एक अर्जी दायर की थी। रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने 36 लोगों को 3-3 साल की जेल की सजा सुनाई है।
चारा घोटाला का सबसे बड़ा मामला साल 1990 से 1995 के बीच का है। कोर्ट ने राजेन्द्र पांडे, साकेत, दिनांनाथ सहाय, रामसेवक साहू, अईनुल हक, सनाउल हक, मो एकराम, मो हुसैन, शैरो निशा, कलसमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजीत सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा (सप्लायर), निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, रामावतार शर्मा, श्रीमती चंचला सिंह, रमाशंकर सिन्हा, बसन्त, सुलिन श्रीवास्तव, हरीश खन्ना, मधु, डॉ कामेस्वर प्रसाद को बरी किया है।