रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग को लेकर अमेरिका, नाटो संग पूरा पश्चिमी देश किसी तरह यह युद्ध रूकवाने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है। यहां तक रूस पर बड़े-बड़े प्रतिबंध लगा रहा है। लेकिन रूस अपने कदम पीछे खींचे के लिए तैयार नहीं है। इस बीच पूरी दुनिया की निगाह भारत पर है। क्योंकि, भारत और रूस के बीच घनिष्ट मित्रता है और युद्ध के दौरान भी यह देखने को मिला जब भारतीय नागरिकों को लिए रूस ने छह घंटे के लिए खारकीव में जंग रोक दिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस वक्त बाइजने संग नाटो देश यह महायुद्ध रुकवाने की गुहार लगा रहे हैं। अब फ्रांस ने भी कह दिया है कि, भारत को क्या करना चाहिए यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है और पूरी दुनिया में भारत की आवाज मायने रखती है।
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन पर रूस के हमले के निंदा प्रस्ताव पर एक बार फिर भारत ने दूरी बनाई तो दुनिया के कई बड़े देशों की नजरें गढ़ गईं। UNSC के बाद UNGA में भारत की ओर से उठाए गए कदम को फ्रांस का साथ मिला है। भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने कहा है कि, किसी को यह नहीं कहना चाहिए कि भारत को क्या करना चाहिए। जैसे-जैसे संकट गहराता जा रहा है, भारत से समर्थन का स्वागत किया जाएगा क्योंकि, भारत की आवाज दुनिया के लिए मायने रखती है।
इमैनुएल लेनिन ने कहा, भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर बड़ी जिम्मेदारी चाहता है। हमारा देश भारत को यूएनएससी में स्थायी सीट मिलने का प्रबल समर्थक है। भारत की आवाज़ दुनिया में सुनी जाती है। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर भरोसा करते हैं। भारत ने क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर बयान दिए हैं जिनका हम स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि, हम यूक्रेन की हर तरीके से मदद कर रहे हैं। यूरोप के सभी देशों ने यूक्रेन को मानवीय सहायता के अलावा उपकरण और हथियार भेजने का फैसला किया है। हथियारों के साथ ही हम यूक्रेन को राजनीतिक समर्थन भी दे रहे हैं। रिकॉर्ड समय में हमने रूस के बैंकिंग संस्थानों पर अभूतपूर्व प्रतिबंध लगाए हैं।
India's voice is very important.India aspires to an even larger responsibility in the international fora. My country is a strong supporter of India getting a permanent seat in UNSC.India is a voice that's heard in the world: French Ambassador Emmanuel Lenain#RussiaUkraineCrisis pic.twitter.com/Tl4frHD1Mt
— ANI (@ANI) March 3, 2022
भारत ने UNSC के बाद UNGA में भी अनुपस्थित रहकर प्रस्ताव से खुद को अलर रखा। रूस के पक्ष में खुद रूस के अलावा बेलारूस, सीरिया, उत्तर कोरिया (डीपीआरके), इरिट्रिया ने मतदान किया। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी रूस के खिलाफ प्रस्ताव से दूरी बनाई थी। भारत ने न तो इसके पक्ष में वोट किया और न ही इसका विरोध किया था।