भारत में जब हिजाब विवाद उठा तो इसपर ना सिर्फ देश के कट्टरपंथियों ने जोर-शोर से राजनीति किया बल्कि, कई इस्लामिक देशों के साथ अमेरिका ने भी इसपर दखल दिया था। पाकिस्तान को तो इसपर जमकर गला फाड़ा। इसके साथ ही कई और देशों ने इस मामले की निंदा की तो साथ ही इसे सुलझाने की हिदायत दी। अब यही मुद्दा एक नाटो देश में गर्मा गया है। इस देश में हिजाब चुनाव का बड़ा मुद्दा बन गया है और राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी ने जनता से वादा किया है कि, अगर वह सत्ता में आई तो हिजाब पहनने वाले मुस्लिमों पर जुर्माना लगाएंगी।
दरअसल, यह मुद्द फ्रांस में जमकर चर्चा में है। रविवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बन गया है। राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी मरीन ली पेन ने वादा किया है कि यदि वह सत्ता में आई तो हिजाब पहनने वाले मुस्लिमों पर जुर्माना लगाया जाएगा। राष्ट्रपति इम्मैनुएल मैकों को चुनाव में चुनौती दे रहीं दक्षिणपंथी नेता पेन ने गुरुवार को वादा किया कि यदि वह राष्ट्रपति चुनकर आती हैं तो सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने वालों को जुर्माना देना पड़ेगा। पेन आक्रामक चुनाव प्रचार कर रही हैं। फ्रांस के मीडिया की मानें तो अब वह राष्ट्रपति मैक्रों को बड़ी चुनौती पेश कर रही हैं।
फ्रांस के रेडियो आरटीएल से चर्चा में पेन ने कहा कि जिस प्रकार से कारों में सीटबेल्ट नहीं पहनने पर जुर्माना लगता है, उसी तरह खुली जगहों पर हिजाब पहनने पर रोक रहेगी। यदि इस इस नियम का उल्लंघन किया तो जुर्माना वसूला जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमान महिलाएं फ्रांस में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब न पहनें। 53 साल की ली पेन पिछले चुनावों में अप्रवासियों के खिलाफ बयान देती थीं, लेकिन इस बार वह घरेलू मुद्दों पर अधिक जोर दे रही हैं। इसलिए मैक्रों को चुनौती नजर आ रही है।
यह कहने पर इस प्रस्तावित नियम को भेदभावपूर्ण और धार्मिक आजादी का उल्लंघन बताकर अदालत में चुनौती दी जा सकती है? पेन ने जवाब में कहा कि इससे बचने के लिए वह जनमत संग्रह कराएंगी। फ्रांस में पहले से ही स्कूलों में धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। सार्वजनिक स्थानों पर भी पूरा चेहरा ढंकने की मनाही है।