रूस ने जब यूक्रेन पर हमला बोला उसी के कुछ दिनों बाद अमेरिका का बयान आया कि जो भी रूस की मदद करेगा वो उसे बरबाद कर देगा। अमेरिका का ये इशारा पाकिस्तान की ओर था। क्योंकि, जिस दिन जंग की शुरुआत हुई उसी दिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मॉस्को अपने दौरे पर पहुंचे और यह तक कह दिए कि मैं कितने सही समय पर आया हूं, मजा आ रहा है। अब अमेरिका के साथ पाकिस्तान के रिश्ते वैसे ही अफगानिस्तान को लेकर खराब है। यहां तक कि राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडन ने पाकिस्तान को फोन तक नहीं किया। अब इमरान खान ने अपने पैर पर फिर कुल्लाड़ी मार ली जिसका नतिजा यह हुआ कि FATF की ग्रे लिस्ट से वो बाहर नहीं निकल सका। अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से फोन पर बात की है।
कुरैशी ने तनाव कम करने और यूक्रेन संकट का कूटनीतिक समाधान निकालने का आह्वान किया। इस्लामाबाद में विदेश कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार कुरैशी ने लावरोव के साथ टेलीफोन पर बात की और द्विपक्षीय संबंधों के अलावा दोनों विदेश मंत्रियों ने क्षेत्रीय हालात पर चर्चा की। बयान के मुताबिक यूक्रेन में ताजा स्थिति पर पाकिस्तान की चिंताओं को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्री कुरैशी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूलभूत सिद्धांतों पर जोर दिया और तनाव कम करने का आह्वान किया। साथ ही प्रासंगिक बहुपक्षीय समझौतों और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार एक कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता को रेखांकित किया।
हालांकि, पाकिस्तान यह सब अब अमेरिका को मनाने के लिए कर रहा है लेकिन इसका उसे कोई फायदा मिलने वाला नहीं है। क्योंकि, अमेरिका इस वक्ता पाकिस्तान से कुछ ज्यादे ही खार खाए हुए है। यूक्रेन जंग की बात करें तो आज 11वां दिन है और रूस किसी भी वक्त पूरे देश पर कब्जा कर सकता है। ये अलग बात है कि पश्चिमी देश एक तरफा बाते कर रहे हैं और यूक्रेन को बचाने में लगे हुए है। पश्चिमी देश यहां मतलब का खेल, खेल रहे हैं। लेकिन एक चीज तो साफ है कि अब यूक्रेन के पास ज्यादा वक्त बचा नहीं है।