रूस यूक्रेन पर हमला करेगा यह बात पहले से ही पक्कि थी। इसके पीछे कई कारण है। आसल मुद्धे की बात करें तो भोलाभाला बना यूक्रेन 2015 से ही डेनबास के लोगों का जिना हराम कर रखा था। आज जो हाल यूक्रेन में है वो 2015 से उसने डोनबास में कर रखी है। तब से लेकर अब तक कम से कम 13 से 15 हजार लोगों को मारा जा चुका है जिसमें 500 से अधिक मासूम बच्चों को भी मारा गया है और यह सब करने वाला है यूक्रेन। देश की मीडिया भी इस वक्त पश्चिमी मीडिया के रंग में रंग चुकी है। इस वक्त हमारी मीडिया भी वही दिखा रही है जो पश्चिमी देश दिखाना चाहते हैं और ये सिर्फ यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को दिखा रहे हैं।
पहली बात यह कि जब 2015 में यूक्रेन ने मिन्स्क समझौते के दौरान हस्ताक्षर कर दिया था कि वह कोई खुनखराबा नहीं करेगा और कभी नाटो में शामिल नहीं होगा तो फिर 2017 में उसे अचानक कैसे नाटो में शामिल होने का भूत सवार हो गया और इसी के बाद से वो डोनबास में कत्लेआम मचाने लगा। यह सब करा धराया अमेरिका है। इसके पीछे वजह यह है कि वो यूक्रेन को नाटो में शामिल करता और उसकी सीमा तो रूस से लगती ही है। इधर से यूक्रेन पुतिन को भड़काता और रूस उधर से हमला बोला तो उसपर नाटो में शामिल सारे 30 देश एक साथ मिलकर रूस के अस्तित्व को खत्म कर देते। अब ऐसे में रूस तो क्या कोई भी देश होता तो वो भी वही करता जो पुतिन ने किया।
आज अमेरिका और नाटो संग पश्चिमी देश ये दुनिया को जरूर बता रहे हैं कि रूस हमला कर आम लोगों की जान ले रहा है। लेकिन ये नहीं बता रहे हैं कि उन्होंने क्या किया। आज युद्ध का 12वां दिन है और रूस लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है। यूक्रेन अब इस गलतफहमी है कि उसे अमेरिका-नाटो बचा लेंगे। जबकि इन्होंने तो पहले से ही हाथ खड़ा कर दिया है कि, वो जंग के मैदान में अपने सिपाहियों को रूस के खिलाफ नहीं उतारेंगे। मतलब साफ है कि रूस अब इनसे भी उपर उठ चुका है।
जेलेंस्की अब दुनिया के सामने गला फाड़ कर चिल्ला रहे हैं कि युद्ध के मैदान में उन्हें अकेला छोड़ दिया गया। डोनबास में जब उन्होंने कत्लेआम मचाया था तब उन्हें याह अंदाजा नहीं हुआ था कि वही हस्र एक दिन यूक्रेन का भी हो सकता है। आज जब रूस जंग छेड़ दिया तो यूक्रेन बिलबिलाने लगा। सबसे बड़ी बात यह कि उसे अब भी समझ नहीं आ रहा कि अमेरिका और नाटो उसका साथ नहीं देने वाले।
राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से रूस के खिलाफ प्रतिबंध और कड़े करने का आग्रह किया है। जेलेंस्की ने रूसी रक्षा मंत्रालय की घोषणा का जवाब नहीं देने के लिए रविवार शाम एक वीडियो संदेश में पश्चिमी नेताओं की आलोचना की। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वह यूक्रेन के सैन्य-औद्योगिक परिसर पर हमला करेगा और उसने इन रक्षा संयंत्रों के कर्मचारियों को काम पर नहीं जाने को भी कहा है। जेलेंस्की ने कहा, मैंने एक भी विश्व नेता की इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं सुनी।