कंगाली से लाचार पाकिस्तान इस वक्त पूरी तरह से बर्बाद होता नजर आ रहा है। दुनियाभर की नजरों में पाकिस्तान गड़ा हुआ है और उसकी वजह है जिस दिन यूक्रेन पर रूस ने हमला बोला था उसी दिन इमरान खान मॉस्को पहुंच कर जंग का मजा ले रहे थे। इसपर अमेरिका ने कहा कि जो भी रूस का साथ देगा वो उसे बर्बाद कर देगा। अब पाकिस्तान बुरी तरह से फंस चुका है जिसके बाद वो दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए भारत का सहारा ले रहा है। दरअसल, तकनीकी खामी के कारण 9 मार्च को भारतीय मिसाइल पाकिस्तान में जा गिरा था। इसी मिसाइल को लेकर पाकिस्तान राजनीति कर रहा है। पाकिस्तान की काबियलियत का अंदाजा इसी से लगा लें कि, भारत की इस मिसाइल को गिराना तो दूर ट्रैक तक नहीं कर पाया।
पाकिस्तान सेना ने बताया है कि चूंकि इसमें कोई हथियार नहीं था इसलिए कुछ खास तबाही नहीं हुई। भारत सरकार ने इसे एक्सीडेंटल फायरिंग बताकर जांच के आदेश दे दिए हैं। पाकिस्तान इतने से संतुष्ट नहीं नजर आ रहा है। इस्लामाबाद ने नई दिल्ली से कहा है कि इस जांच में पाकिस्तान को भी शामिल किया जाए। हालांकि भारत सरकार ने पाकिस्तान की इस मांग पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, बिना हथियार के ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल भारतीय वायु सेना के एक सीक्रेट सैटेलाइट बेस से गलती से दागा गया था।
द प्रिंट ने अपनी एक रिपोर्ट में सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान का ये कहना कि हरियाणा के सिरसा से मिसाइल दागा गया था, जो की गलत है। रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि भारत सरकार ने घटना को लेकर गंभीरता से विचार किया है और उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया बै कि, पाकिस्तानी मेजर जनरल इफ्तिखार के दावों के उलट पाकिस्तानी मिसाइल को ट्रैक करने में नाकाम रहे। सूत्रों ने कहा है कि पाकिस्तान द्वारा दिखाया गया मिसाइल का ट्रेजेक्टरी गलत है। ऐसे में यह साफ होता है कि कि पाकिस्तान के पास फ्लाइट या लॉन्च साइट को ट्रैक करने की क्षमता नहीं है।
पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि, प्रोजेक्टाइल ने 3 मिनट और 44 सेकेंड्स में पाकिस्तानी क्षेत्र में 124 किलोमीटर की दूरी तय की। जिससे यह मालूम होता है कि, पाकिस्तान की एयर डिफेंस मिसाइल के खिलाफ काम नहीं करती है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि, पाकिस्तान ने घटना के 24 घंटे के बाद प्रेस कांफ्रेंस की जो पाकिस्तान के इस दावे के खिलाफ जाता है कि उन्होंने लॉन्च के वक्त ही मिसाइल को ट्रैक कर लिया था।