यूक्रेन और रूस में जंग के बीच अब चीन ने भी एशिया को धमकाना शुरू कर दिया। चीन के उप विदेश मंत्री और भारत के पूर्व राजदूत ली यूचेंग ने अमेरिका की हिंद प्रशांत नीति और क्वॉड जैसे समूहों के निर्माण को 'खतरनाक' करार दिया। यूचेंग ने कहा कि ये अमेरिकी नीति एशिया को नरक में ढकेल सकती है। ली यूचेंग का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब क्वॉड की जापान में बैठक होने वाली है और पीएम मोदी इसमें शामिल हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ली यूचेंग ने कहा कि यूक्रेन संकट हमें एक आइना दिखाता है कि हम एशिया और प्रशांत क्षेत्र में हालात का आकलन करें।
चीनी विदेश उप मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब चीनी अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि नाटो के विस्तार ने यूक्रेन संकट को बढ़ाया है। चीन की तरह से भारत ने भी यूक्रेन संकट को लेकर रूस के खिलाफ आए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया है। यही नहीं चीन ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए अमेरिका और नाटो पर वर्तमान संकट के लिए आरोप लगाया है। चीन ने यह भी कहा है कि रूस के वैध सुरक्षा चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए। चीन और भारत के रुख में रूस को लेकर समानता भले हो लेकिन दोनों के बीच एक बड़ा अंतर है। चीन अब नाटो के यूरोप में उठाए गए कदमों को अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के एशिया में उठाए गए कदमों से जोड़ रहा है।
भारत में चीन के राजदूत रह चुके ली चीन के अगले विदेश मंत्री बन सकते हैं और देश के विदेश नीति को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। माना जा रहा है कि वर्तमान चीनी विदेश मंत्री वांग यी अगले साल मार्च में अपना कार्यकाल पूरा कर सकते हैं। उसी समय चीनी संसद नैशनल पीपुल्स कांग्रेस एक नए प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति करेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप में नाटो के कदमों की तुलना एशिया से करके चीन ने चेतावनी दी है कि एशिया में भी इस तरह का संकट पैदा हो सकता है।
ली ने कहा, 'धारा के विपरीत जाकर हिंद-प्रशांत रणनीति का पालन करना समस्या को भड़काएगा। उन्होंने कहा कि अगर इसे बिना रोकटोक के होने दिया गया तो इसके बहुत गंभीर परिणाम होंगे। यह अंतत: एशिया-प्रशांत क्षेत्र को नरक की सीमा तक ले जाएगा। इससे पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी इसी तरह का बयान दिया था और खासतौर पर अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान की सदस्यता वाले क्वॉड का जिक्र किया था। उन्होंने क्वॉड की तुलना 'फाइव आइज' से की थी जिसके सदस्य ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन हैं।