पाकिस्तान में इमरान खान सरकार का जाना अब लगभग तय है। इमरान सरकार अधिकतम एक सप्ताह तक ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर रह पाएंगे। इमरान खान ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले आर्मी चीफ बाजवा को मनाने की कोशिश की है। इमरान खान चाहते हैं कि किसी भी तरह पाक आर्मी उनके पक्ष में आ जाए और अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सांसदों को डरा-धमकाया जाए और विपक्ष को धराशाई किया जा सके।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने जनरल वाजवा को मनाने के लिए परवेज मुशर्रफ समेत तीन पूर्व आर्मी चीफ के सामने नाक रगड़ते नजर आए। किसी के आगे न झुकने का दावा करने वाले पाक प्रधानमंत्री इमरान खान परवेज मुशर्रफ और परवेज कियानी के माफी मांगते और कुर्सी बचाने की गुहार लगा रहे थे। पाकिस्तान की जनता में हीरो की छवि रखने वाले रहील शरीफ के आगे तो इमरान खान ने खुद को बिछा दिया। मजबूर होकर रहील शरीफ रावल पिंडी जीएचक्यू भी पहुंचे। उन्होंने जनरल वाजवा के साथ काफी देर तक विचार विमर्श किया। लेकिन ऐसा बताया जाता है कि तीनों ही पूर्व आर्मी जनरलों ने वाजवा से चर्चा के बाद इमरान खान को मशवरा दिया है कि वो इस्तीफा दे दें। क्यों कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद उन्हें बेइज्जत होकर कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।
कुर्सी पर आए संकट का सम्मानजनक समाधान के लिए इमरान खान के खेमे की ओर से कहा गया है कि अगर विपक्ष परवेज खटक को इमरान खान की जगह प्रधानमंत्री कबूल करले तो इमरान खान इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि विपक्षी दलों की ओर से इस कथित प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। अभी दो दिन पहले आर्मी चीफ जनरल वाजवा ने स्पष्ट किया था कि फौज सिविल गवर्नमेंट में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं चाहती है। पाकिस्तानी फौज का काम मुल्क की सरहदों की हिफाजत करना है। सियासी हस्तियों या पार्टियों को संरक्षण देना नहीं है। ध्यान रहे, आर्मी चीफ जनरल वाजवा का यह तटस्थ रवैया ही इमरान खान के लिए सबसे बड़ा संकट बन गया है। पाकिस्तान में सत्ता पर वही शख्स और सियासी दल काबिज रह पाता है जिसे सेना का समर्थन मिलता है। अघोषित तौर पर इस समय पाकिस्तानी सेना विपक्षी दलों के साथ खड़ी है। कहा तो जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और आर्मी चीफ वाजवा के बीच बातचीत के बाद सेना ने तटस्थ रहने का फैसला किया है।
पाकिस्तान से खबरें मिल रही हैं कि सियासी संकट के बीच इमरान खान आज देश के नाम संबोधन करेंगे। ऐसा बताया जा रहा है कि वो कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। यह ऐलान उनका इस्तीफा या पूरे मुल्क में इमरजेंसी का ऐलान भी हो सकता है।