पाकिस्तान में इस वक्त सियासी हलचल तेज है, इमरान खान की सरकार को गिराने के लिए विपक्षी दलों के साथ अब उनके ही पार्टी के नेता बगावत पर उतर आए हैं। इसके साथ ही पाकिस्तानी आर्मी भी इमरान खान के खिलाफ है। ऐसे में खान सरकार के उपर लटकी तलवार कभी भी सत्ता की डोर काट सकती है। इमरान खान की सरकार के खिलाफ खूब विरोध प्रदर्शन हो रहा है। संयुक्त विपक्ष इमरान को सत्ता से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। अपनी सरकार बचाने के लिए इमरान खान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
इमरान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस पर फैसला लेने की मांग की कि क्या सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के दलबदलू प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से कुछ दिन पहले अपनी सीटें गंवा सकते हैं। सरकार ने शीर्ष अदालत से संविधान के अनुच्छेद 63-A की व्याख्या करने का अनुरोध किया है। ये अनुच्छेद दलबदल के आधार पर सांसदों की अयोग्यता से संबंधित है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की ओर से अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान द्वारा इसे दायर किया गया है। इस आर्टिकल में कहा गया है कि, एक सांसद को दलबदल के आधार पर आयोग्य ठहराया जा सकता है यदि वे प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री विश्वास मत या अविश्वात मत एक धन विधेयक (बजट) या एक संविधान (संशोधन) विधेयक के चुनाव के संबंध में उनके संसदीय दल द्वारा जारी किसी भी निर्देश के विपरीत सदन में मतदान करते हैं। या फिर वे मतदान से परहेज करते हैं।
बता दें कि, इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार के लिए नेशनल असेंबली की बैठक शुक्रवार को होगी। नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करने के लिए 25 मार्च (शुक्रवार) को सदन का सत्र बुलाने की रविवार को घोषणा की। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के करीब 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव दिया था। इमरान खान को देश में आर्थिक संकट और मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।