पाकिस्तान पीएम इमरान खान अपनी सरकार बचाने के लिए कई बड़े दांव खेल रहे है। इस कड़ी में पाकिस्तानी संसद के नेशनल असेंबली की कार्रवाई को 28 मार्च सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसके पीछे का कारण बताते हुए स्पीकर ने कहा कि एक सांसद की मौत हो गई है, इसकी वजह से संसद की कार्रवाई को स्थगित किया जाता है। वहीं एक्सपर्ट्स की मानें तो इमरान खान अपनी सरकार को बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा समय चाहते थे, यही वजह है कि कार्रवाई को स्थगित किया गया है। रिपोर्ट की मानें तो, अब इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को संसद में पेश किया जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल असेंबली में देखने में ही इमरान खान अल्पमत में नजर आ रहे थे और उनके कई सांसद विपक्ष की बेंच पर बैठे हुए थे। यही वजह थी कि इमरान के सांसदों के चेहरे लटके हुए थे। इमरान खान की अब कोशिश है कि अगले दो दिनों में किसी तरह से अपने सहयोगी दलों और बागी सांसदों को मनाया जाए। हालांकि इमरान खान की यह कोशिश सफल होती नहीं दिख रही है। सत्र को स्थगित करने के फैसले का विपक्ष ने विरोध किया था लेकिन स्पीकर को मिले संवैधनिक अधिकारों की वजह से कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया। इमरान खान के मंत्री दावा कर रहे हैं कि 24 बागी सांसदों में से कई को फिर से वापस लाया जा चुका है।
हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। नैशनल असेंबली के स्पीकर पर यह दबाव डाला जा रहा है कि इस अविश्वास प्रस्ताव को एक महीने तक के लिए टाल दिया जाए। अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तानी राजनीति में तूफान आ जाएगा और अस्थिरता बढ़ सकती है। विपक्षी दलों को पूरा भरोसा है कि उन्होंने 172 के जादुई आंकड़े को हासिल कर लिया है और इमरान खान का जाना तय है। उधर, इमरान खान ने दावा किया है कि वह विपक्ष को आश्चर्य में डाल देंगे और इसे वह रविवार को अपनी 'ऐतिहासिक' रैली में दिखाएंगे। इसके ठीक एक दिन बाद नैशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोट होगा। इमरान खान का यह दावा भी झूठा साबित हुआ है कि विपक्ष के सांसद उनके साथ हैं।