यूक्रेन-रूस के 34वें दिन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव का बड़ा बयान आया है। संयुक्त राष्ट्र सचिव एंतोनियो गुटेरस ने कहा है कि भारत दुनिया की उन शक्तियों में से एक है तो रूस-यूक्रेन के युद्ध को अपने प्रभाव से रुकवा सकता है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र अत्यधिक उच्च स्तर पर भारत सरकार के साथ इस युद्ध को रोकने के प्रयास कर रहा है। इसी के साथ चीन-तुर्की और इजरायल के साथ भी लगभग इसी स्तर के प्रयास किए जा रहे हैं।
भारत ने अपनी भूमिका की संवेदनशीलता को समझते हुए प्रयास भी किए हैं। लेकिन ऐसा जान पड़ता है कि कुछ ताकतें हर बार जेलेंसकी को भड़का देती हैं और वो अपने बयानों से इतर बयान देने लगते हैं। इसलिए रूस उन पर विश्वास नहीं कर पा रहा है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन कई बार कह चुके हैं कि वो न तो जेलेंसकी की हत्या करवाना चाहते हैं और न उनकी सत्ता उखाड़ना चाहते हैं। रूस सिर्फ यह चाहता है कि जेलेंसकी तटस्थ राष्ट्र की भूमिका और नाटो में शामिल न होने का प्रस्ताव अपनी संसद में पारित करें। यह भी विश्वास दिलाएं कि पश्चिमी देशों के हथियार यूक्रेन में तैनात नहीं किए जाएंगे। इसके अलावा पुतिन की यह शर्त भी है कि डीपीआर, एलपीआर और क्रीमिया की आजादी को यूक्रेन स्वीकार करे।
रूस-यूक्रेन सरकार के साथ भारत सरकार कूटनीतिक और राजनयिक स्तर पर लगातार सक्रिए हैं। भारत के संबंध दोनों ही देशों से अच्छे संबंध हैं। यह बात अलग है कि यूक्रेन भारत के खिलाफ पाकिस्तान को भारी हथियार सप्लाई करता रहा है। ऐसा समझा जाता है कि कुछ पश्चिमी ताकतों ने रूस को कमजोर करने के लिए यूक्रेन को उकसाया और फिर वर्ल्डवार की आशंका से अपने पैर पीछे खींच लिए। मतलब रूस के सामने यूक्रेन को अकेला लड़ने के लिए छोड़ दिया। इसका नतीजा यह है कि 80 फीसदी से ज्यादा यूक्रेन बर्वाद हो चुका है और जंग अभी जारी है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य ऑप्रेशन शुरू किया था। इसके बाद से युद्ध लगातार जारी है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्षों सहित दुनिया के अन्य देशों के संपर्क में हैं। भारत लगातार बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकालने की पैरवी करता रहा है।
गुटेरस ने बीते रोज मीडिया से कहा, ‘मैं, ऐसे कई देशों के साथ करीबी संपर्क में हूं जो राजनीतिक समाधान के लिए मध्यस्थता के विभिन्न तरीकों का पता लगाने के वास्ते दोनों पक्षों के उच्चतम स्तर पर बात कर रहे हैं।’ भारत के साथ उनके प्रयास उच्चतम स्तर पर हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने तुर्की मित्रों के साथ भी बहुत निकट संपर्क में हूं। इसी तरह कतर, इजरायल, चीन और फ्रांस व जर्मनी के साथ भी करीबी संपर्क में रहा। मेरा विश्वास है कि इस युद्ध को समाप्त करने के लिए परिस्थितियों का निर्माण करने के वास्ते ये सभी प्रयास आवश्यक हैं।’