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Ukraine के साथ युद्ध में नष्ट हुए रूसी टैंक को आखिर क्यों खरीद रहा है ब्रिटेन? जानिए टॉप सीक्रेट

Ukraine युद्ध में नष्ट हुए रूसी टैंक खरीद रहा है ब्रिटेन

Ukraine के साथ युद्ध में नष्ट हुए रूसी टैंक को आखिर ब्रिटेन क्यों खरीदा है। इसके पीचे का टॉप सीक्रेट आपको बताएंगे इससे पहले बता दें कि युक्रेन युद्ध में नष्ट हुए भारी मात्रा में रूसी टैंक को ब्रिटेन के खरीदने के पीछे बहुत बड़ी वजह है। वजह जानकर आप हैरान हो जाएंगे।

Ukraine Russia युद्ध में भारी मात्रा में रूसी टैंक नष्ट हुए हैं, ये वही रूसी टैंक है जिसे दुनिया में सबसे बेहतरीन टैंकों में से एक जाना जाता है। युद्ध में नष्ट हुए रूसी टैंक को खरीद कर उसे ब्रिटेन के लैब में पहुंचाया गया है,जहां उसकी जांच की जा रही है।

रूसी टैंक के ख़तरनाक होने के पीछे की वजह ब्रिटेन जानना चाहता है। ब्रिटेन यह जानना चाहता है कि आखिर रूस के पास वो कौन सी तकनीक है,जिससे उसके टैंक इतने ज्यादा शक्तिशाली होते हैं।

यूक्रेन युद्ध में बर्बाद रूसी टैंकों को ब्रिटेन खरीद रहा

Ukraine में चैलेंजर-2 टैंक के नष्ट होने से ब्रिटेन के होश उड़े हुए हैं। उसे अंदाजा नहीं था कि रूसी टैंक उसके अत्याधुनिक चैलेंजर-2 को आमने-सामने की लड़ाई में मात दे सकते हैं। ऐसे में अब ब्रिटेन अपने चैलेंजर-2 के बदले यूक्रेन में नष्ट हुए रूसी सेना के टैंकों का मलबा खरीद रहा है।

बताया जा रहा है कि इन ध्वस्त टैंकों को यूक्रेन से ब्रिटेन लाया जा रहा है, ताकि वैज्ञानिक यह समझ पाएं कि रूसी टैंकों में ऐसा क्या है, जिसने चैलेंजर-2 जैसे अत्याधुनिक हथियार को बर्बाद कर दिया।

रूसी टैंक ने जर्मनी के लेपर्ड-2 टैंकों को भी बर्बाद कर दिया

रूस ने दावा किया है कि उसने ब्रिटेन के चैलेंजर-2 के अलावा जर्मनी के लेपर्ड-2 टैंकों को भी बर्बाद कर दिया है। रूसी सेना ने बेकार पड़े लेपर्ड-2 टैंकों की तस्वीर भी जारी की थी। लेपर्ड-2 को यूरोप का सबसे शक्तिशाली टैंक माना जाता है।

ब्रिटिश अधिकारी ने की ख़बर की पुष्टि

स्पुतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ ब्रिटिश सैन्य अधिकारी ने खुलासा किया है कि ब्रिटेन ने Ukraine युद्ध में नष्ट हुए रूसी टैंकों की डिलीवरी ली है। ब्रिटिश सेना उन रूसी टैंकों के रहस्यों को जानने की कोशिश करने के लिए दक्षिणी इंग्लैंड में शीर्ष गुप्त पोर्टन डाउन लैब में उन्हें अलग कर रही है।

ब्रिटेन के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ टोनी रैडकिन ने रक्षा मंत्री बेन वालेस के साथ एक संयुक्त प्रेस कार्यक्रम में मीडिया को बताया कि हमारे पास ऐसे वैज्ञानिक हैं जो किसी अन्य देश के पास मौजूद हथियारों की डिटेल को फोरेंसिक स्तर पर उजागर कर सकते हैं और इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि उनके उपकरण कैसे काम करते हैं।

रूसी हथियारों से बताया ज्यादा है ख़तरा

रैडकिन ने कहा कि यह वास्तव में महत्वपूर्ण है क्योंकि हम ऐसे देशों के क्लब में हैं, जिसे रूसी हथियारों से खतरा हो सकता है। ऐसे में जब हमारे पास रूसी किट या अन्य देशों की किट मिलती है तो हम उसकी पूरी जांच करते हैं। इस जांच से मिले ज्ञान को साझा भी करते हैं।

रैडकिन ने यूक्रेन युद्ध को अपनी सेनाओं के लिए खतरे की घंटी करार दिया। उन्होंने कहा कि हम एक तकनीकी दौड़ में हैं, जहां यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने राष्ट्र की देखभाल कैसे करते हैं। ऐसे में हमें पूरी आक्रामकता के साथ देश की सुरक्षा करनी होगी।

नष्ट हथियार के बदले यूक्रेन को 7.5 बिलियन डॉलर

यूक्रेन रूस के खिलाफ नाटो के हथियारों के लिए एक तरह की “युद्ध प्रयोगशाला” के रूप में काम कर रहा है। लेकिन रैडकिन ने कहा कि ब्रिटेन के पास बजटीय संकट के बीच अपनी जमीनी ताकतों को बढ़ाने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है। इसके बावजूद ब्रिटेन ने पिछले 18 महीनों में यूक्रेन को लगभग 7.4 बिलियन डॉलर के हथियार और गोला-बारूद भेजे हैं।

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