पाकिस्तान की सस्ता में इस वक्त भुचाल आया हुआ है और इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से विपक्ष के साथ आर्मी भी हटाने की पूरी तैयारी कर ली है। इस बीच अपनी सरकार बचाने के लिए इमरान खान लगातार कोशिश कर रहे हैं और कुछ भी बोल दे रहे हैं। गुरुवार रात अपने संबोधन में उन्होंने अमेरिका को दोष दे दिया की वही उन्हें सत्ता से बाहर करना चाहता है और साथ ही उनकी हत्या भी करवाना चाहता है। अब इमरान खान भारत का नाम लेकर अपनी सत्ता बचाना चाहते हैं। इमरान खान को लगता है कि अगर वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर पाकिस्तान में लोगों को भड़काएंगे तो उनकी सरकार बनी रहेगी।
इमरान खान ने कहा है कि, पीएम मोदी नवाज शरीफ से छिप-छिपकर मिलते थे। इससे पहले इमरान ने कहा कि मेरे हमेशा तीन उसूल रहे हैं। इंसाफ, इंसानियत और खुद्दारी को साथ लेकर मैंने हमेशा काम किया है। आज पाकिस्तान के लिए फैसले की घड़ी है। पाकिस्तान के लिए कुछ करने राजनीति करने आया हूं। ईमान नहीं होता तो राजनीति में नहीं आता। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि, मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मुझे जितना जरूरत थी उतनी शोहरत मिली। आज भी मुझे किसी चीज की जरूरत नहीं है। मैं पाकिस्तान की पहली जेनरेशन हूं। पाकिस्तान मुझसे सिर्फ पांच साल बड़ा है। इमरान खान ने कहा कि एक था जब पाकिस्तान का उदाहरण दिया जाता था। मैं आजाद नीति का पालन करने के पक्ष में हूं। मैं भारत या किसी और देश से विरोध नहीं करना चाहता। इमरान ने कहा कि वो नहीं चाहते कि पाकिस्तान एंटी हिन्दुस्तान बने।
लेकिन, अपने इसी संबोधन में इमरान खान ने अपनी सरकार बचाने के लिए भारत का सहारा लेते हुए बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि नवाज शरीफ छुप-छुपकर नरेंद्र मोदी से मिलते थे। यही नहीं एक किताब में इस बात का जिक्र भी है। पाकिस्तान अमन के साथ है, कभी जंग के साथ नहीं खड़ा रहा। इमरान खान ने आगे कहा कि रविवार को पाकिस्तान के लिए फैसले का दिन है। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संसद में वोटिंग होनी है। विपक्षी लोग मुझपर इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं लेकिन मैं कभी हार नहीं मानता, आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा। अपने संबोधन में इमरान खान ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा। कहा कि जब मैंने लोगों का विरोध किया तो उन्होंने मुझे तालिबान खान का नाम दिया।