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Pakistan का प्रधानमंत्री बनने से पहले ही शहबाज शरीफ ने दिखाई अपनी औकात, कहा PM Modi से तभी करेंगे बात जब कश्मीर…

प्रधानमंत्री बनने से पहले ही शहबाज शरीफ ने दिखाई अपनी औकात

पिछले कुछ समय से पाकिस्तान की राजनीति में जमकर नौटकी चली। इरमान खान को इस्तीफा देने के लिए विपक्ष और सेना ने पूरी कोशिश की और अंत में वो सफल भी हो गए। इससे पहले हाल ही में होने वाले अविश्वास प्रस्ताव को डिप्टी सीएम ने खारिज करते हुए संसद को भंग कर दिया था। जिसे बाद यह मामला पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा जहां देश के न्यायधीष ने निष्पक्ष फैसला सुनाते हुए कहा कि, डिप्टी सीएम को अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने का ना तो अधिकार है और ना ही संसद भंग करने का। इस बीच शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री होंगे लेकिन, इससे पहले ही ये भी अपनी औकात दिखा दिए हैं। पाकिस्तान ने ये ठान ली है कि उनकी राजनीति भारत से शुरू होगी और भारत पर खत्म होगी। यही काम इमरान खान ने भी किया था और अब यही काम शहबाज शरीफ कर रहे हैं।

सोमवार को पाकिस्तान संसद में नए पीएम का ऐलान होगा। शहबाज शरीफ ने पीएम बनने से पहले ही अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है। शहबाज शरीफ ने कहा है कि जब तक कश्मीर का मुद्दा हल नहीं निकल जाता तब तक भारत से बातचीत नहीं होगी। ये भारत से बातचीत न करने की बात कर रहे हैं जबकि, भारत ने पहले ही पाकिस्तान से नाता तोड़ रखा है। कश्मीर पर बात करने वाले जरा उन आतंकियों को पर भी बात करें जिन्हें वो दूध पिलाकर पाल रहे हैं। पाकिस्तान की सड़कों आज भी दुनिया के सबसे खुंखार आतंकी घुमते हैं। शहबाज शरीफ इन आतंकियों के लेकर क्या कहेंगे।

राजनीतिक विशेषज्ञों का भी यही कहना है कि, पाकिस्तान की राजनीति की शुरुआत भारत से होती है और अंत भी भारत पर बयान देकर होता है। इमरान खान की भी जब सरकार गिरने लगी तो वो भारत की तारीफ करने लगे। अब शहबाज शरीफ भारत के खिलाफ बयान दे रहे हैं। खैर पाकिस्तान की जनता को भारत के खिलाफ भड़काना भी तो हैं न। यही तो पाकिस्तान की नीति रही है। पीएम पद का नामांकन करने के बाद मीडिया से बातचीत में शहबाज शरीफ ने कहा कि जब तक कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता, भारत से बातचीत नहीं होगी।

बता दें कि, पाकिस्तान में राजनीतिक संकट के साथ महंगाई अपने चरम पर है। देश खरबों के विदेशी कर्ज से जूझ रहा है। इमरान खान की विदाई के बाद शहबाज शरीफ के सामने पाकिस्तान को मजबूती से खड़ा करना नई चुनौती है लेकिन अपनी आवाम को नौकरी देने, महंगाई पर काबू पाने और देश को आर्थिक मजबूती पर बात करने के बजाय वो कश्मीर का राग अलाप रहे हैं।