चीन लगातार पाकिस्तान को अपनी जाल में फंसा रहा है और वो फंसता जा रहा है। ये दोनों देश भारत के खिलाफ हैं और यही वजह है कि ये दोनों देश एक साथ हैं। पाकिस्तान में चीन सीपेक के जरिए उसकी अर्थव्यवस्था की चाभी अपने हाथ में लेना चाहता है। पाकिस्तान में आई राजनीतिक भूचाल का कारण भी चीन ही रहा है। चीन अंदर-अंदर खेल कर गया और पाकिस्तान को पता भी नहीं चला। यहां तक की इस वक्त पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर है। विश्व बैंक का कर्ज बढ़ते जा रहा है लेकिन, इसके बाद भी चीन का गुणगान करते नहीं थक रहा है। अब तो नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी चीन की शरण में जा पहुंचे हैं। उन्होंने तो यह तक कह दिया है कि, चीन और पाकिस्तान की दोस्ती कयामत तक रहेगी।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के एक नेता ने कहा है कि नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर सऊदी अरब और चीन की यात्रा करने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की पहली विदेश यात्रा अक्सर सऊदी अरब और चीन दोनों के साथ देश के रणनीतिक संबंधों के कारण तय हुई है।
मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, सऊदी अरब की यात्रा के दौरान पीएम शहबाज शरीफ उमराह करेंगे और सऊदी नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। सऊदी अरब ने अतीत में लगातार पाकिस्तानी सरकारों को वित्तीय बेलआउट पैकेज दिए हैं। रियाद ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया था। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि सऊदी अरब ने कुछ समय पहले पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर प्रदान किए थे, यह देखते हुए कि क्या नया प्रीमियर वित्तीय सहायता भी मांगेगा। सऊदी की यात्रा के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के चीन की यात्रा करने की भी उम्मीद है। पिछले पीएमएल-एन कार्यकाल के दौरान, शहबाज ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) परियोजनाओं को गति देने में केंद्रीय भूमिका निभाई थी।