पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आखिरकार सत्ता से बाहर कर दिया गया है। लेकिन, उनके इस्तीफे को लेकर खूब ड्रामा चला। खान ने अपनी पूरी ताकत लगा दी कि वो किसी तरह सत्ता में बन रहे हैं और उन्हें इस्तीफा न देना पड़े लेकिन, अंत में उनकी हार हुई। अब पाकिस्तान की प्रधानमंत्री की कुर्सी पर शाहबाज शरीब बैठ गए हैं और सत्ता में कदम रखते ही वो अपनी मनमानी करनी शुरू कर दिए हैं। इस बात का अंदाजा इसी से लगा लें कि, जब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के राज्यपाल ओमर सरफराज चीमा ने शरीफ के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।
राज्यपाल ओमर सरफराज चीमा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री के पास उन्हें बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है और केवल राष्ट्रपति ही ऐसा कर सकते हैं। हाल ही में नियुक्त राज्यपाल सरफराज चीमा की यह टिप्पणी उन अटकलों के बीच आई है कि उन्हें संघीय सरकार द्वारा पद से हटाया जा रहा है। चीमा ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, प्रधानमंत्री के पास राज्यपाल को हटाने का अधिकार नहीं है। उन्हें राष्ट्रपति को एक सारांश भेजना चाहिए क्योंकि मैं इस कार्यालय को पाकिस्तान के राष्ट्रपति की खुशी से संभाल रहा हूं। जब तक राष्ट्रपति मुझे हटाने का आदेश अधिसूचित नहीं करते, मैं इस पद पर हूं। चीमा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पीएमएल-एन नेता मरियम औरंगजेब ने डॉन डॉट कॉम को बताया कि सरकार राष्ट्रपति को हटाने के लिए एक सारांश भेज रही है।
बता दें कि, शाहबाज शरीफ यहीं अपनी मनमानी नहीं कर रहे हैं बल्कि, वो तो अपने वादों से भी अब मुकर रहे हैं। जो वादा उन्होंने सरकार में आने से पहले जनता से किया था कि अगर वो सरकार में आए तो जनता के हित में काम करेंगे और तेल के बढ़ते दम से छुटकारा दिलाएंगें। अब इसी से वो मुकर रहे हैं। शाहबाज शरीफ ईंधन की कीमतों में वृद्धि नहीं करने के अपने फैसले पर पलटी मार सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जोश में आकर लिया गया शहबाज शरीफ का फैसला राजकोष को घाटा पहुंचा सकता है। ऐसे में सरकार जल्द ही अपने फैसले पर यू-टर्न ले सकती है। तेल और गैस नियामक प्राधिकरण ने पाकिस्तानी सरकार को ईंधन के दामों में बढ़ोत्तरी के सुझाव दिए हैं। जिसमें प्रति लीटर पेट्रोल पर दाम 83.5 रुपए और डीजल के दामों में सीधे 119 रुपए की बढ़ोत्तरी हो सकती है। यानि पेट्रोल और डीजल 200 रुपए प्रति लीटर के पार जा सकता है।