शहबाज सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के ऐलान के बाद इस्लामाबाद सहित पाकिस्तान के कई शहरों में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। इस्लामाबाद में आर रहे इमरान खान के पश्तून वर्कर्स ने इस्लामाबाद शहर के दरख्तों में आग लगा दी। इसके अलावा जहां-जहां रास्ते में पुलिस बल दिखाई दिए उन सभी स्थानों को आग के हवाले करते हुए पीटीआई के कार्यकर्ता और इमरान की टाईगर फोर्स के लड़ाके आगे बढ़ रहे थे। रात 12 बजे के बाद इस्लामाबाद के वीवीआईपी इलाकों के हालात और भी ज्यादा खराब हो गए। डी चौक के पास लाठी डंडो और हथियारों से लैस हुजूम ने पुलिसबलों पर हमला कर दिया। जानबचाकर पुलिसकर्मी भागते नजर आए। इतना ही नहीं कुछ देर खबर आई कि इस्लामाबाद के ही चाईना चौक के पास मेट्रो स्टेशन को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया।
Visuals from occupied Islamabad tonight. #PakistanUnderFascism#حقیقی_آزادی_مارچ pic.twitter.com/qBKFHzsHyS
— Asfandyar Bhittani (@BhittaniKhannnn) May 25, 2022
पाकिस्तान में सिविल वॉर के हालात देखते हुए शहबाज सरकार ने सुबह होने का इंतजार किए वगैर ही इस्लामाबाद की सड़कों पर सेना उतार दी है। सेना को हुक्म दिया गया है कि इस्लामाबाद कैपिटल टेरिटरी में कानून व्यवस्था लागू करे। वीवीआईपी इलाकों, इमारतों और गवर्नमेंट प्रॉपर्टी की हिफाजत करें। इस्लामाबाद की सड़कों पर आवारा जानवरों की तरह हुड़दंग मचा रहे इमरानखान की पार्टी के पश्तून वर्करों लगातार डी चौक पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं जबकि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट एच नाइन इलाके में ही प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने शहबाज सरकारको यह भी हिदायत दी कि इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी न की जाए।
सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों के बाद जहां-जहां अवरोध लगाए गए थे उन्हें पुलिस ने हटा लिया। इसका नतीजा यह निकला कि पश्तून लड़ाके हथियारों समेत इस्लामाबाद में भारी संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं। इस्लामाबाद के आईजी डॉक्टर अकबर नासिर ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान को एच नाइन तक ही सीमित रहने के निर्देश दिए हैं। अगर प्रदर्शनकारी रेड जोन की ओर बढते हैं तो उनके साथ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आईजी अकबर नासिर ने तय सीमा पार करने पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ‘आयरन हैँड’ इस्तेमाल करने की चेतावनी दी है। इसका मतलब है कि लाठी-गोली सबकुछ इस्तेमाल किया जा सकता है। डॉक्टर अकबर नासिर का यह बयान सेना को तैनात किए जाने से पहले का था।
अब इस्लामाबाद में सेना तैनात कर दी गई है। सेना से कहा गया है कि वो सिविल अथॉरिटी के साथ परामर्श करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। वैसे भी पाकिस्तान में जब सेना सड़को पर उतरती है तो सिविल अथॉरिटीज वही करती हैं जो सेना कहती और चाहती है। सिविल वॉर जैसी स्थिति से गुजर रहे पाकिस्तान में मंहगाई और भुखमरी से जनता त्रस्त है। लेकिन इस्लामाबाद में जितने भी प्रदर्शनकारी इकट्ठे हैं उनमें 80 फीसदी से ज्यादा पश्तून हैं। ये सब खैबर पख्तूनवा प्रांत से हैं। खैबर पख्तूनख्वाह में पाकिस्तान की पार्टी पीटीआई की सरकार है। ऐसा भी कहा जा रहा है इमरान खान के निर्देश पर खैबर पख्तूनख्वाह की सरकार ट्रकों-बसों और अन्य वाहनों में भर कर पश्तूनो को इस्लामाबाद भेज रही है।