आम आदमी पर दो दिन में बड़ी मुसीबतें आ पड़ी हैं। पहली मुसीबत पंजाब में सिद्धू मूसेवाला की हत्या और उसका इंटरनेशनल कनेक्शन है तो दूसरी मुसीबत दिल्ली शहरी विकास, सिंचाई और जल मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी है। सत्येंद्र जैन को ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है। सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी मनी लॉंड्रिंग और हवाले के मामले में की गई है।
ध्यान रहे, ईडी ने कुछ दिनों पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन की फैमिली से जुड़ी 4.81 करोड़ की संपत्तियों को अटैच किया था। जैन के करीबी लोगों का कुछ ऐसी कंपनियों से रिश्ता था जिनकी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्टके तहत जांच चल रही थी।
जैन दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य, बिजली, गृह, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), उद्योग, शहरी विकास, बाढ़, सिंचाई और जल मंत्री हैं। ईडी ने 2018 में शकूर बस्ती से आम आदमी पार्टीविधायक से मामले के सिलसिले में पूछताछ की थी। ईडी ने कहा था कि उसने संपत्तियों की कुर्की के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया है।
लगभग 4.81 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियां अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, पर्यास इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, वैभव जैन की पत्नी स्वाति जैन, अजीत प्रसाद जैन की पत्नी सुशीला जैन और सुनील जैन की पत्नी इंदु जैन से संबंधित हैं।
तब ईडी ने कहा था कि इस रकम का इस्तेमाल जमीन की खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद के वास्ते लिए गए कर्ज की अदायगी के लिए किया गया था। अधिकारियों के अनुसार कुर्की आदेश में नामित व्यक्ति जैन के सहयोगी और परिवार के सदस्य हैं। सत्येंद्र जैन के खिलाफ धनशोधन का ईडी का मामला अगस्त 2017 में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से उनके और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप से जुड़ा है।